नई दिल्ली: एयरटेल डीटीएच की एक ग्राहक द्वारा केवल हिंदू ग्राहक सेवा प्रतिनिधि से बात करने की मांग और उसके बाद के घटनाक्रम से सोशल मीडिया पर ‘विवाद’ खड़ा हो गया है। विवाद इतना बढ़ा की एयरटेल को बाद में स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा कि वह धर्म या जाति के आधार पर ग्राहकों, कर्मचारियों या भागीदारों से कोई भेद नहीं करती। यह सारा प्रकरण सोमवार को उस समय शुरू हुआ जब एयरटेल डीटीएच की एक ग्राहक पूजा सिंह (लखनऊ) ने अपनी शिकायत के लिए टि्वटर का सहारा लिया। भारती एयरटेल इंडिया की ओर से एक ग्राहक सेवा कार्यकारी ने जवाब में कहा कि उनकी शिकायत पर जल्द ही सुनवाई होगी।
लेकिन यह कार्यकारी अपने नाम (शोहेब) से मुस्लिम नजर आ रहा था इसलिए उक्त ग्राहक ने ‘ हिंदू प्रतिनिधि ’ की मांग करते हुए कहा कि उन्हें उसकी ‘ कार्य संबंधी नैतिकता ’ में कोई भरोसा नहीं है। इसके बाद कंपनी की ओर से ‘गगनजोत’ नामक कार्यकारी ने पूजा से संपर्क कर मदद की पेशकश की। इस ग्राहक पूजा के टि्वटर एकाउंट के अनुसार वह प्रबंधन पेशेवर है ‘भारतीय’ और ‘हिंदू’ होने का गर्व है। इस सारे प्रकरण को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल हो गया। कंपनी को स्पष्टीकरण देना पड़ा कि उसने एक ग्राहक की मांग पर अपने सेवा प्रतिनिधि को नहीं बदलाव बल्कि यह तो ‘ स्वत :’ या कंप्यूटीकृत प्रक्रिया के चलते हुआ। लेकिन इसके बावजूद कंपनी सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गई। जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अतिरिक्त कई लोगों ने इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए ट्वीट किए।
एयरटेल के एक प्रवक्ता ने कहा ,‘ एयरटेल में हम धर्म या जाति के आधार पर ग्राहकों , कर्मचारियों या भागीदारों से कोई भेद नहीं करते। ’ कंपनी ने बाद में अपनी शिकायत करने वाली अपनी ग्राहक को भी यही संदेश दिया। इस प्रकरण के बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने ट्वीट किया कि वह अपनी मोबाइल सेवा प्रदाता बदलेंगे तथा एयरटेल डीटीएच व ब्राडबैंड सेवा भी बंद करेंगे। इस विवाद से शिकायतकर्ता पूजा सिंह के फालोवर की संख्या में रातों रात उछाल आया। हालांकि उसने इसी मंच पर कहा है कि यह सारा मामला ‘ लोकप्रिय ’ होने के लिए खड़ा किया गया ‘ तमाशा ’ नहीं था बल्कि उनकी व्यक्तिगत पसंद थी जो उन्होंने व्यक्त की।