नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार सुबह वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और अतिसुक्ष्म कणों - पीएम 2.5 और पीएम10 - का स्तर इस मौसम में अब तक का अधिकतम रहा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी तंत्र ‘सफर’ ने कहा कि आने वाले दिनों में हवा के रुख में बदलाव की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक में हलका सुधार होने की उम्मीद है। शहर में सुबह 10 बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 240 था।
रविवार और शनिवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) क्रमश: 216 और 221 था। जहांगीरपुरी और विवेक विहार में एक्यूआई क्रमश: 301 और 316 रहा जो “बेहद खराब” श्रेणी में था। वायु गुणवत्ता शून्य से 50 के बीच ‘ अच्छी ’, 51 से 100 तक ‘ संतोषजनक ’, 101 से 200 तक ‘ मध्यम ’, 201 से 300 तक ‘ खराब ’, 301 से 400 तक ‘ बेहद खराब ’ और 401 से 500 के बीच ‘ गंभीर ’ मानी जाती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक सुबह नौ बजे दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 का स्तर 242 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा जो इस मौसम में अब तक का अधिकतम है। भारत में पीएम10 का स्तर जब 100 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से कम रहता है तो उसे सुरक्षित माना जाता है। पीएम 10 माप में , 10 माइक्रोमीटर के आकार का कण होता है , जो सांस लेते समय फेफड़ों में जा सकता है। इन कणों में धूल , पराग और ‘ मोल्ड ’ बीजाणु शामिल हैं। पीएम2.5 का स्तर 106 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर का रहा। पीएम2.5 का स्तर जब 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर तक रहता है तो इसे सुरक्षित माना जाता है। ये अतिसुक्ष्म कण रक्त प्रवाह में भी रह सकते हैं।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता 29 जून के बाद से पहली बार बुधवार को “खराब” हुई थी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तब 24 घंटे के दौरान एक्यूआई 215 दर्ज की थी। ‘सफर’ ने कहा कि पाकिस्तान से लगे इलाकों, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 448 जगह खेतों में आग की घटनाएं दर्ज की गईं जिससे रविवार को दिल्ली की वायुगुणवत्ता प्रभावित हुई। उसने कहा कि हवा का रुख उत्तर पश्चिम से बदलकर दक्षिणपूर्व की तरफ होगा जिससे खेतों में आग की घटनाओं का हवा पर प्रभाव यहां कम देखने को मिलेगा।
सोमवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की अधिकतम गति चार किलोमीटर प्रतिघंटा रही।