नयी दिल्ली: दिल्ली में वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। अधिकारियों के अनुसार अगले दो दिनों में हवा की गति बढ़ने के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हो सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि अगले 48 घंटों में प्रदूषण स्तर “बहुत खराब” से सुधरकर “खराब” की श्रेणी में पहुंच सकता है लेकिन 25 नवंबर के बाद स्थिति फिर से बिगड़ने की आशंका है।
दिल्ली में दोपहर दो बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया। रोहिणी एक्यूआई 416 के साथ सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा जबकि बवाना में एक्यूआई 411 और आनंद विहार में 410 दर्ज किया गया। इसके अलावा मुंडक (401), नरेला (401) और विवेक विहार (402) में वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में पायी गयी। पड़ोसी जिले गाजियाबाद (400), ग्रेटर नोएडा (390) और नोएडा (384) में एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में रहा।
वायु गुणवत्ता के लिहाज से 201 से लेकर 300 के बीच एक्यूआई को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के बीच ‘‘बहुत खराब’’ और 401 से 500 के बीच ‘‘गंभीर’’ माना जाता है। एक निजी मौसम विशेषज्ञ स्काईमेट वेदर ने बताया कि 23 नवंबर से मध्यम गति वाली हवाएं चलेंगी, जिससे प्रदूषण थोड़ा कम हो सकता है। हालांकि, यह राहत अल्पकालिक होगी क्योंकि 25 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ हवा की गति को कम कर देगा।
उन्होंने कहा कि 25 और 26 नवंबर को अच्छी बारिश हो सकती है। बारिश होने पर हवा में से प्रदूषक कण साफ हो जाएंगे। ऐसा नहीं होने पर 28 नवंबर के बाद ही दीर्घकालिक राहत की उम्मीद की जा सकती है। सरकारी वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर ने बताया कि शनिवार को वायु गुणवत्ता सुधरकर “बहुत खराब” श्रेणी के निचले स्तर तक पहुंच सकती है। रविवार को वायु गुणवत्ता सुधरकर “खराब” की श्रेणी में पहुंचने का पूर्वानुमान है। आसमान में बादल छाए रहने के कारण उपकरणों द्वारा हरियाणा और पंजाब में 141 जगह पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हो पायीं।