नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण और बढ़ता है तो दिल्ली वालों को प्रदूषण के साथ यातायात की परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) ने कहा है कि प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए पहली नवंबर से दिल्ली में ग्रेडिट एक्शन प्लान लागू किया जा रहा है, EPCA के चेयरमैन भूरे लाल ने कहा कि उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में प्रदूषण की समस्या और नहीं बिगड़े लेकिन अगर बिगड़ती है तो निजी गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक लगानी होगी, सिर्फ सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल की इजाजत होगी।
इस बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता बिगड़ने की स्थिति इस मौसम में पहली बार मंगलवार को ‘गंभीर’ हो गई क्योंकि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने में तेजी आ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) अधिकारियों ने बताया कि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अपराह्न तीन बजे 401 था जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में पड़ता है। यह इस मौसम में उच्चतम स्तर है। इसमें 0 से 50 एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
केंद्र संचालित ‘सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च’ (SAFAR) ने वायु गुणवत्ता में आई इस गिरावट के लिए ‘‘पिछले 24 घंटे में काफी मात्रा में पराली जलाने और हवा शांत रहने’’ को जिम्मेदार ठहराया। SAFAR अधिकारियों ने कहा कि वायु में पीएम 2.5 से करीब 28 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने जैसे क्षेत्रीय कारकों के चलते हुआ। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (IITM) ने उपग्रह से ली गई तस्वीरों में दिल्ली के आसपास के राज्यों में कई स्थानों पर आग लगी देखी।