नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले कुछ दिनों से ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो चुके हैं। हालांकि शनिवार को इसमें कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हवा की दिशा और गति में बदलाव, पंजाब में पराली जलाने की घटना में कमी की वजह से प्रदूषण कम हुआ है। शुक्रवार को PM2.5 का रनिंग एवरेज 425 था वो आज सुबह 275 पहुच गया है। आपको बता दें कि प्रदूषण के चलते दिल्ली में हेल्थ इमर्जेंसी लगाई जा चुकी है और 5 नवंबर तक सभी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।
ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को क्षेत्र में प्रदूषण स्तर शुक्रवार के मुकाबले धीरे-धीरे कम हो गया है। शनिवार को दिल्ली का AQI शुरू में 480 था, लेकिन बाद में औसत में कमी आ गई। वहीं, नोएडा का एक्यूआई 578, गुरुग्राम का 585 और गाजियाबाद का 460 मापा गया था। आपको बता दें कि 0-50 तक के AQI को 'अच्छा' माना जाता है। इसके बाद 51-100 तक 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और यदि AQI इससे भी ऊपर चला जाए तो उसे गंभीर श्रेणी में माना जाता है। 500 के ऊपर AQI गंभीर और आपतकाल स्थिति के लिए होता है।
हवा की क्वॉलिटी में इस सुधार का एक बड़ा कारण पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी को माना जा रहा है। आपको बता दें कि पंजाब में पराली जलाने की घटना में 10 गुना कमी आयी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले जहां 3000 जगहों पर पराली जलाई जाती थी वो घटकर 300 जगहों पर आ गया है। इसके अलावा कल शाम से हवा की रफ्तार भी बढ़ी है।
वहीं, शुक्रवार को भी दिल्ली-NCR की हवा में भारी मात्रा में जहर घुला हुआ था। शुक्रवार को दिल्ली में AQI 459 पर पहुंच गया था, दोपहर 12 बजे पीएम 10 का स्तर 582 था। गाजियाबाद देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा था जहां पीएम 2.5 का स्तर 493 रहा। ग्रेटर नोएडा (480), नोएडा (477) और फरीदाबाद (432) में भी हवा में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा। दिल्ली के प्रदूषण में पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली प्रमुख कारण है। शुक्रवार को प्रदूषण में पराली का हिस्सा 46 पर्सेंट तक पहुंच गया था।