भारतीय वायु सेना के मार्शल तथा 1965 के भारत-पाक युद्ध के नायक अर्जन सिंह को आज दिल्ली के बरार स्क्वायर में अतिंम विदाई दी गई। उनके सम्मान में आज दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों में राष्ट्रध्वज को आधा झुका दिया गया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने आज भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। एयर मार्शल अर्जन सिंह को 17 तोपों की सलामी दी गई। MI-17 हेलिकॉप्टर के जरिए एयर मार्शल को आसमान से सलामी दी गई। मुख्य अंश:
- एयर मार्शल अर्जन सिंह पंचतत्व में विलीन।
- एयर मार्शल अर्जन सिंह के पार्थिव शरीर को दी गई अग्नि।
- एयर मार्शल अर्जन सिंह के सम्मान में फ्लाई पास्ट।
- एयर मार्शल अर्जन सिंह की अंतिम विदाई।
- MI-17 हेलीकॉप्टर ने दी एयर मार्शल को आसमान से सलामी।
- एयर मार्शल को दी गई 17 तोपों की सलामी।
- एयर मार्शल को अंतिम विदाई।
- एयर मार्शल को ले जाया जा रहा है अंतिम संस्कार के लिए।
लाल कृष्ण अडवाणी ने भी दी एयर मार्शल अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि।
- थोड़ी देर में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एयर मार्शल अर्जन सिंह को दी श्रद्धांजलि।
- अंतिम संस्कार से पहले गन सैल्यूट में तोपों से सलामी।
- सरकारी इमारतों के राष्ट्रध्वज आधे झुकाए गए।
- इंडियन एयरफोर्स के MI-17 हेलीकॉप्टर एयर मार्शल अर्जन सिंह को देंगे सलामी।
- थोड़ी देर में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार।
- मार्शल अर्जन सिंह का पार्थिव शरीर बरार स्क्वायर पहुंचा।
अर्जन सिंह 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भारतीय वायु सेना के प्रमुख थे। उस युद्ध में भारत की जीत में वायु सेना और अर्जन सिंह का योगदान अतुलनीय था। जिसके लिए इन्हें फाइव स्टार रैंक दिया गया था। 44 साल की उम्र में ही अर्जन सिंह को भारतीय वायु सेना की कमान सौंप दी गई थी। वह स्विजरलैंड में भारत के राजदूत और केन्या में उच्चायुक्त पद पर भी रह चुके हैं। उन्हें 1965 के युद्ध में बेहतरीन नेतृत्व करने के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित भी किया गया है। (अध्यक्ष पद से हटाए गए नीतीश कुमार, छोटू भाई वासवा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया)
उन्हें 44 साल की आयु में ही भारतीय वायु सेना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे उन्होंने शानदार तरीके से निभाया। साल 1965 की लड़ाई में जब भारतीय वायु सेना अग्रिम मोर्चे पर थी तब वह उसके प्रमुख थे। अलग-अलग तरह के 60 से भी ज्यादा विमान उड़ाने वाले सिंह ने भारतीय वायु सेना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक बनाने और विश्व में चौथी सबसे बड़ी वायु सेना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।