नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति की हवाई यात्राओं के लिए नया VVIP बोइंग विमान 'एअर इंडिया वन' अगले हफ्ते ही दिल्ली में लैंड करने वाला है। सरकार ने दो चौड़ी बॉडी वाले खासतौर से डिजाइन किए गए बोइंग 777-300 ER विमान ऑर्डर किए हैं, इनमें से एक पीएम मोदी के लिए तो दूसरा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए होगा। एअर इंडिया, इंडियन एयरफोर्स और सरकार के कुछ अधिकारियों के साथ सुरक्षाकर्मियों का एक दल वीवीआईपी एयरक्राफ्ट 'एअर इंडिया वन' को भारत लाने के लिए अमेरिका पहुंच चुका है। एयर फोर्स वन विमान हवा में उड़ने वाले अभेद्य किले जैसा सुरक्षित होगा। बता दें कि, दो नए 777-300 ER विमान 2005 में लिए गए उस फैसले का हिस्सा हैं, जिसके तहत बोइंग से 68 विमान खरीदे जाने हैं।
अगले हफ्ते दिल्ली में करेगा लैंड
रक्षा व सुरक्षा अनुष्ठानों के सूत्रों के मुताबिक, पहला विमान अगले हफ्ते दिल्ली में लैंड करेगा जबकि दूसरा विमान इस साल के अंत तक पहुंचेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा हवाई यात्राओं में इस्तेमाल होने वाले 'एयरफोर्स वन' विमान की तर्ज पर भारत के लिए वीवीआईपी एयरक्राफ्ट 'एअर इंडिया वन' तैयार किया गया है। बोइंग 777-300 ER विमान आने के बाद एअर इंडिया वीवीआईपी बेड़े से 25 साल पुराने बोइंग 747 विमान हटा लिये जाएंगे। ये दोनों विमान भारतीय वायुसेना के पायलटों द्वारा चलाए जाएंगे। गौरतलब है कि अमेरिका में बोइंग 777-300 ER विमानों में खास साज-सज्जा की जा रही है। एयर इंडिया, वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम, औपचारिकताएं पूरी करने और विमान को भारत लाने के लिए पहले ही अमेरिका पहुंच चुकी है।
जानिए एयर इंडिया वन विमान की खासियत
- एयर इंडिया वन विमान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें अपना खुद का मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगा होगा, जिसे लार्ज एयरक्राफ्ट इनफ्रारेड काउंटरमेजर्स (एलएआईआरसीएम) और सेल्फ प्रोटेक्शन सुइट्स (एसपीएस) कहा जाता है। साथ ही ये विमान अत्याधुनिक कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस होगा, इसका संचालन भारतीय वायुसेना करेगी, हालांकि इसे हासिल एयर इंडिया करेगी।
- अमेरिकी राष्ट्रपति की हवाई यात्रा में इस्तेमाल होने वाले एयरफोर्स वन की तरह ही एयर फोर्स वन विमान की एक क्षमता यह होगी कि इसे हवा में ही कमांड सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके संचार सिस्टम को हैक या टैप नहीं किया जा सकता। एयर इंडिया वन विमान एक तरह से मजबूत हवाई किले की तरह होगा।
- इस विमान के अंदर एक कॉन्फ्रेंस रूम, वीवीआईपी यात्रियों के लिए एक केबिन, एक छोटा मेडिकल सेंटर और साथ ही साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों, स्टाफ के लिए सीटें होंगी।एयरक्राफ्ट में अशोक चक्र के साथ भारत और इंडिया बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया है।
- इस विमान पर एअर इंडिया वन (जिसे AI-1 or AICOO1 भी कहा जाता है) का खास तरह का साइन होगा। इस साइन का मतलब है कि विमान में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री सवार हैं। इन दोनों विमानों की खरीद पर करीब 8,458 करोड़ रुपये की लागत आएगी। छोटी दूरियों के लिए वायुसेना की कम्यूनिकेशन स्क्वॉड्रन के बोइंग बिजनेस जेट और एमब्रेयर एग्ज़ीक्यूटिव जेट के वीवीआईपी बेड़े के विमान इस्तेमाल किए जाते हैं।
दुश्मनों के रडार को चकमा देने में सक्षम है एयर फोर्स वन
- एयर इंडिया वन के विमान में दुश्मन के रडार सिग्नल को जैम करने की भी खूबी है। इसके अलावा इससे गर्मी को पकड़ने वाली मिसाइल और मध्यम रेंज के मिसाइल सिस्टम से बच निकलने की भी व्यवस्था होगी। यह सब ऑटोमैटिक होगा और इसके लिए क्रू की भी जरूरत नहीं होगी।
- अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक, LAIRCM सिस्टम से विमान में सवार क्रू को बड़ी मिसाइलों से बचाव करने के लिए काफी समय मिल जाएगा। इसके अलावा यह मिसाइल सिस्टम को खुद-ब-खुद नाकाम कर आगे निकल सकता है। इस मिसाइल वॉर्निंग सिस्टम में कई सेंसर लगे होंगे जो वायुसेना को किसी भी खतरे का पूरा कवरेज देंगे। पायलट को आसानी से पता चल जाएगा कि खतरे वाली मिसाइल को पहचान कर नष्ट कर दिया गया है।
- फिलहाल लंबी दूरी के लिए, वीवीआईपीज एयर इंडिया के बोइंग 747 विमान से चलते हैं। लेकिन, ये विमान फिर से ईंधन भरे बिना, दस घंटे से अधिक की उड़ान नहीं भर सकता। नया विमान बिना रीफ्यूलिंग के लगातार 17 घंटे की उड़ान भर सकेगा। अभी वीवीआई बेड़े में जो विमान हैं, वे सिर्फ 10 घंटे तक ही लगातार उड़ सकते हैं।