हैदराबाद: अयोध्या में राम मंदिर के लिए मस्जिद को शिफ्ट करने का फॉर्मूला देने वाले मौलाना सलमान नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। नदवी ने इससे पहले इंडिया टीवी पर बोर्ड छोड़ने की बात कही थी। इसी बात को आधार बनाकर रविवार को उन्हें बोर्ड से बाहर निकाल दिया गया। हैदराबाद में AIMPLB की मीटिंग के दौरान हुई इस कार्रवाई को लेकर बोर्ड के सदस्य ने कहा कि नदवी के फॉर्मूले को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सारे सदस्यों ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें हाउस के बाहर वही बात करनी चाहिए थी जो बोर्ड का आधिकारिक स्टैंड था।
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुलह का फॉर्मूला देने वाले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना सलमान नदवी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि उन्हें शुक्रवार को हैदराबाद में हुई बोर्ड की मीटिंग में बोलने नहीं दिया गया और बोर्ड के सदस्य कमाल फ़ारुक़ी ने हंगामा मचाया। उन्होंने कहा था कि बोर्ड की मीटिंग में उन्हें अपनी बात रखने नहीं दी गई। ग़ौरतलब है कि अयोध्या विवाद के समाधान के मौलाना नदवी के फ़ार्मूले को बोर्ड की मीटिंग में ख़ारिज कर दिया गया। मौलाना का सुझाव था कि अयोध्या में राम मंदिर बने और मस्जिद को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए।
मीटिंग के बाद मौलाना सलमान नदवी ने कहा था कि बाठक में असदुद्दीन ओवैसी ने हंगामा करने वालों का साथ दिया। उन्होंने कहा था कि अब वह बोर्ड की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने आरोप लगाया था कि बोर्ड पर कुछ लोगों का कब्ज़ा है और तानाशाही चल रही है और यहां तक कि उन्हें RSS का एजेंट करार दिया गया। उन्होंने कहा था कि बोर्ड का फ़ैसला शरीयत नहीं है और इस्लाम सबका है अकेले बोर्ड का नही है। मौलाना सलमान नदवी की इसी बात को आधार बनाकर उन्हें बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।