नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बेकाबू हो जाने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि देश में कोरोना महामारी को कंट्रोल नहीं कर पाने के जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। ओवैसी ने कहा, 'आपने पिछले साल लोगों को कहा था कि थाली बजाओ, ताली बजाओ, उससे क्या हुआ? क्या देश से कोरोना भाग गया?'
'मोदी सरकार अदृश्य हो गई है'
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में सुविधा क्यों नहीं बढ़वाई? क्या केंद्र सरकार उस वक्त से सो रही थी, देश की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी क्यों हो गई है? अगर हम आत्मनिर्भर भारत हैं तो क्यों सऊदी अरब, रूस और दूसरे देशों से मदद ले रहे हैं।' ओवैसी ने कहा, 'मृतकों को दफनाया जा रहा है, शव जलाए जा रहे हैं और इनको (मोदी सरकार को) खून की खुशबू आ रही है, मोदी सरकार अदृश्य हो गई है।'
'पीएम केयर्स फंड से पैसा निकालकर राज्य सरकारों को दें'
ओवैसी ने कहा कि अगर हमारे पास MP फंड होता तो लोगों को ऑक्सीजन या दवाई दे सकते थे लेकिन अब कुछ नहीं है। उन्होंने मांग की कि मोदी सरकार को पीएम केयर्स फंड में से पैसा निकालकर राज्य सरकारों को देना चाहिए, जिससे वो कोरोना वैक्सीनेशन तेज करवा सकें। ओवैसी ने सवाल उठाया कि इन दिनों देश में कोरोना वैक्सीन की कमी की बात कही जा रही है। अगर ऐसा है तो फाइजर कंपनी को भारत में वैक्सीन लॉन्च करने के लिए पहले परमीशन क्यों नहीं दी गई?
'मोदी के मीडिया चमचों, जाग जाओ, आपके खुद के लोग मर रहे हैं'
ओवैसी ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत मची हुई है। इसके बावजूद रविवार को मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने सिर्फ एक बार ही ऑक्सीजन का जिक्र क्यों किया? ओवैसी ने मीडिया को आगाह करते हुए कहा, 'मोदी के मीडिया चमचों, जाग जाओ, आपके खुद के लोग मर रहे हैं। अब तो मोदी का बाजा बजाना बंद कर दो।' ओवैसी ने मांग की कि केंद्र सरकार को देश के सभी लोगों को वैक्सीन फ्री में देना चाहिए। दवाइयों पर लगने वाले GST को अगले 6 महीने तक खत्म कर देना चाहिए। साथ ही पीएम केयर्स फंड में भी ट्रांसपेरेंसी लानी चाहिए।
चुनाव आयोग पर भी साधा निशाना
ओवैसी ने सवाल उठाया कि कोरोना महामारी का भीषण दौर होने के बावजूद चुनाव आयोग ने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई। इतना खतरनाक दौर होने के बावजूद उसने चुनावी रैलियों पर बैन क्यों नहीं लगाया?