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दो घंटे में पहुंचेगी अहमदाबाद से मुंबई, जानिए, देश की पहली बुलेट ट्रेन में क्या होगा खास?

अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन का शिलान्यास कल होगा। इन दोनों शहरों के बीच की 508 किलोमीटर की जो दूरी तय करने में सुपरफास्ट ट्रेन को आठ घंटे लगते थे वो फासला अब महज़ दो घंटे में पूरा हो जाएगा। 508 किलोमीटर के इस सफर में 12

Written by: India TV News Desk
Updated on: September 14, 2017 10:07 IST
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नई दिल्ली : भारत में दौड़ती बुलेट ट्रेन, एक ऐसा सपना जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा और 2014 के चुनाव में पूरे हिन्दुस्तान की आंखों में इस सपने को सजा दिया। अब उसी सपने को साकार करने की पहल होने जा रही है। पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे कल अहमदाबाद से मुंबई के लिए चलने वाली पहली बुलेट ट्रेन का शिलान्यास करेंगे। कैसी होगी ये बुलेट ट्रेन? कैसा होगा हवाई जहाज की रफ़्तार से ज़मीन पर सफ़र? कैसे पांच सौ किलोमीटर का फासला महज़ दो घंटे में तय होगा? भारत में चलने वाली बुलेट ट्रेन कैसी हो ये महसूस करने के लिए प्रधानमंत्री खुद जापान की बुलेट ट्रेन में जाकर बैठे थे। ये भी पढ़ें: सिरसा: हनीप्रीत के कमरे में नोटों का ज़खीरा, मिला 250 करोड़ कैश?

अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन का शिलान्यास कल होगा। इन दोनों शहरों के बीच की 508 किलोमीटर की जो दूरी तय करने में सुपरफास्ट ट्रेन को आठ घंटे लगते थे वो फासला अब महज़ दो घंटे में पूरा हो जाएगा। 508 किलोमीटर के इस सफर में 12 स्टेशन होंगे - साबरमती स्टेशन से खुलेगी और अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलीमोडा, वापी, बोइसर, विरार और ठाणे होते हुए बांद्रा-कुर्ला कंपलेक्स दो घंटे में पहुंच जाएगी।

भारत में जापानी बुलेट क्यों?

-बुलेट ट्रेन की स्पीड 350 किलोमीटर प्रतिघंटा

-दुनिया की सबसे सुरक्षित ट्रेन जापानी बुलेट
-बुलेट ट्रेन का 53 साल में कभी एक्सीडेंट नहीं हुआ
-ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से चलती है बुलेट
-ATC सिस्टम ट्रेन की रफ्तार खुद कंट्रोल करता है
-जापान में हर रोज 800 बुलेट ट्रेन दौड़ती हैं
-7 मिनट में पूरी ट्रेन की साफ-सफाई की तकनीक

शुरुआत में बुलेट ट्रेन के 10 कोच में एक साथ 750 यात्री सफर कर सकेंगे जबकि भविष्य में 16 कोच वाली बुलेट ट्रेन के ज़रिए एक हज़ार दो सौ पचास यात्री सफर कर पाएंगे। बुलेट ट्रेन का 468 किलोमीटर ट्रैक एलिवेटेड यानी ज़मीन से ऊपर होगा जबकि 27 किलोमीटर हिस्सा सुरंग और समंदर के नीचे होगा। बाकी 13 किलोमीटर का ट्रैक ज़मीन पर होगा। एलिवेटेड ट्रैक की वजह से ज़्यादा ज़मीन की ज़रुरत नहीं होगी और इस प्रोजेक्ट के लिए महज़ 825 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण करना होगा। भारतीय रेल ने 2022 तक पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने का टारगेट रखा है।

जापान के भारी भरकम कर्ज और टेक्नॉलॉजी के कारण ही भारत में बुलेट ट्रेन का सपना साकार हो पा रहा है और इसके पीछे है पीएम मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे की दोस्ती। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत 1 लाख 10 हज़ार करोड़ है। जापान बुलेट ट्रेन के लिए 88 हज़ार करोड़ का लोन देगा और ये लोन 50 साल के लिए 0.1 फीसदी ब्याज पर दिया जा रहा है। पहली बुलेट ट्रेन को जापान से आयात किया जाएगा। इसके साथ ही जापान भारत को बुलेट ट्रेन की तकनीक भी मुहैया कराएगा जिससे आने वाले दिनों में बाकी बुलेट ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनेगी।

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