नई दिल्ली। CAA पर पूरे देश में चर्चा का माहौल है। एक तरफ जहां कई विपक्षी दल इस कानून का विरोध कर रहे हैं तो वहीं भाजपा और उसकी विचारधारा वाले संगठन सीएए के पक्ष में सभाए कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता अहमद पटेल ने सीएए को लेकर बड़ा बयान दिया है। अहमद पटेल ने कहा है कि पंजाब के बाद, हम राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने का विचार कर रहे हैं। यह केंद्र सरकार के लिए इस अधिनियम पर दोबारा विचार करने के लिए स्पष्ट संदेश होगा।
CAA को लागू करने का राज्यों का विरोध ‘असंवैधानिक’ है: वित्तमंत्री भाषा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ राज्यों द्वारा संशोधित नागरिकता कानून को लागू नहीं करने के प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक’ करार दिया और कहा कि यह सभी राज्यों की जवाबदेही है कि वे संसद में पारित कानून को लागू करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा, ‘‘एक राज्य की विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। यह राजनीतिक बयानबाजी करने जैसा है। हम उसे समझ सकते हैं।’’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन यह कहना कि वे इसे लागू नहीं करेंगे, कानून के खिलाफ है। ऐसा कहना असंवैधानिक है।’’
सीएए पर ‘चेन्नई सिटीजन्स फोरम’ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में दर्शकों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि केरल जैसे कुछ राज्यों ने अपने यहां सीएए को लागू करने का विरोध किया है। मंत्री ने कहा, ‘‘किसी राज्य की विधानसभा सीएए लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित कर सकती है। यह राजनीतिक बयानबाजी है। वे आगे बढ़ सकते हैं और हम ऐसा करने से उन्हें नहीं रोक सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में हर किसी की जिम्मेदारी है कि संसद में पारित कानून को लागू करे।’’ वह कानून के समर्थन में भाजपा के देशव्यापी कार्यक्रम ‘जनजागरण अभियान’ में यहां हिस्सा लेने आई हैं। केरल की सरकार ने पिछले हफ्ते सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और इसे ‘‘संविधान में वर्णित समता, स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाला’’ घोषित करने की मांग की थी। केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने सीएए से असहमति जताई है।