नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल से 8 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ के बाद मीडिया के सामने आए अहमद पटेल ने कहा कि मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए विरोधी दल के नेताओं को परेशान किया जा रहा है। अहमद पटेल ने कहा कि जो भी सवाल मुझसे पूछा गया मैंने जवाब दिया। पटेल ने कहा-'मुझे इन लोगों पर तरस आता है कि जब चीन के साथ इतने तनावपूर्ण स्थिति है चीन ने हमारी जमीन ले ली है वह जमीन वापस लेना चाहिए तो मामले को डाइवर्ट करने के लिए विरोध के नेताओं को परेशान कर रहे हैं।'
अहमद पटेल ने कहा- 'आज कोरोना को लेकर देश में लोग परेशान हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में सारे मॉडल निष्फल हो गए हैं और उसके बदले प्रतिपक्ष के नेताओं को परेशान करना ही इस सरकार का काम है। मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए विरोधियों के साथ लड़ रहे हैं। पटेल ने कहा कि अपनी असफलता को छुपाने के लिए यह काम हुआ है। उन्होंने कहा कि जिसको जितना सवाल पूछना है पूछे ,देश में देश के कानून को हम मानते हैं...संविधान को हम मानते हैं।
पटेल ने आगे कहा कि जो भी जांच करनी हो वह कराइये मगर कानून कानून के तरीके से काम करे। अगर मैंने अगर मैंने कुछ गलत किया है तो कार्रवाई करें।
आपको बता दें कि सीबीआई ने 2017 में 5,838 करोड़ के घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी। 2019 में संदेसरा के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई थी और 9 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। जब जांच की दिशा आगे बढ़ी तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि इसमें कांग्रेस का एक वरिष्ठ नेता शामिल है जो 10 जनपथ से जुड़ा हुआ है।
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स्टर्लिंग ग्रुप के एक डायरेक्टर से पूछताछ में अहमद पटेल और उनके दामाद पर खड़े हुए थे सवाल। आरोप था कि अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दकी को संदेसरा बंधु रिश्वत में मोटी रकम देते हैं।
बताया गया कि अगर संदेसरा और गगन धवन कई बार पटेल के दामाद के घर रुपयों से भरे बैग लेकर जाते थे। चेतन संदेसरा अक्सर अहमद पटेल के सरकारी आवास (23, मदर क्रेसंट, नई दिल्ली) जाया करते थे और संदेसरा बंधु इसे कोड वर्ड में ‘हेडक्वॉर्टर 23’ बोलते थे।