नई दिल्ली: अगस्ता-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में एक बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर मंगलवार रात भारत लाया गया। प्राइवेट विमान के जरिये क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से भारत लाया गया है। मिशेल के साथ यूएई के रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी थे। बता दें कि सीबीआई की तरफ से बयान जारी कर कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के 'निर्देशन के तहत एक अभियान' में क्रिश्चियन मिशेल को भारत प्रत्यर्पित किया गया। पिछले महीने ही दुबई कोर्ट में उसकी याचिका खारिज हो गई थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
54 साल के मिशेल की तलाश 36 हजार करोड़ के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे को लेकर भारत को थी। यह सौदा यूपीए सरकार के समय हुआ था जिसके तहत 12 लग्जरी हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे वीवीआईपी लोगों के लिए होना था। क्रिश्चियन मिशेल उन इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है। इसके अलावा ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा है। मिशेल दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में था और उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने (ईडी) जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दायर आरोप-पत्र में आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के 'नाम पर' दी गई 'रिश्वत' थी। सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा के अलावा मिशेल तीसरा कथित बिचौलिया है।
अदालत द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद दोनों जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था। इसको लेकर कांग्रेस आरोप लगा चुकी है कि केंद्र सरकार सोनिया गांधी को आरोपी बनाने के लिए क्रिश्चयन मिशेल पर दबाव डाल रही है।
क्या है मामला?
बता दें कि साल 2007 में यूपीए सरकार के समय यह सौदा हुआ था लेकिन 6 साल बाद रिश्वत के आरोप लगने के बाद यह सौदा रद्द कर दिया गया था। अगस्ता-वेस्टलैंड की पैरेंट कंपनी फिनमैकिना पर इटली में भी रिश्वत के आरोप लग चुके हैं। साल 2016 में इसी मामले में वायुसेना के पूर्व चीफ एसपी त्यागी को गिरफ्तार किया गया था।