नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 3,600 करोड़ रुपये से अधिक के अगस्ता वेस्टलैंड वी वी आई पी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में जल्द ही नया आरोपपत्र दायर किए जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि धनशोधन रोकथाम कानून के तहत दायर की जाने वाली आगामी अभियोजन शिकायत, इस मामले में तीसरा पूरक आरोपपत्र होगी और इसमें दुबई निवासी कारोबारी राजीव शमशेर बहादुर सक्सेना की भूमिका रेखांकित किए जाने की उम्मीद है।
एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल जुलाई में सक्सेना की पत्नी शिवानी सक्सेना को धनशोधन रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया था। इसने तब आरोप लगाया था कि राजीव सक्सेना इंटरसेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, मॉरीशस का लाभार्थी मालिक है और दंपती यू एच वाई सक्सेना, दुबई तथा मैट्रिक्स होल्डिंग्स लिमिटेड, दुबई में साझेदार/निदेशक हैं।
ईडी ने आरोप लगाया था, ‘‘इन दोनों कंपनियों को इंटरसेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, मॉरीशस से अपने-अपने संबंधित दुबई बैंक खातों में अपराध का मुनाफा मिला।’’ एजेंसी ने कहा था कि इस ममले में इसकी जांच और अब तक एकत्र किए गए विभिन्न दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि अगस्तावेस्टलैंड, इंटरनेशनल लिमिटेड, यू के ने गोर्डियन सर्विसेज सर्ल, ट्यूनीशिया और आई डी एस सर्ल, ट्यूनीशिया के जरिए रिश्वत के रूप में पांच करोड़ 80 लाख यूरो का भुगतान किया।
इसने कहा था कि इन कंपनियों ने इंटरसेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, मॉरीशस तथा अन्य को कंसल्टैंसी अनुबंध के नाम पर उक्त धन या अपराध से हुआ मुनाफा हासिल किया जो आगे यू एच वाई सक्सेना, दुबई, मैट्रिक्स होल्डिंग्स लिमिटेड, दुबई तथा अन्य को स्थानांतरित कर दिया गया। सीबीआई और ईडी दोनों अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित रिश्वत मामले की जांच कर रहे हैं।
भारत ने अनुबंध दायित्वों के कथित उल्लंघन और सौदा हासिल करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोपों के चलते वायुसेना के लिए फिनमेकेनिका की ब्रिटिश अनुषंगी अगस्तावेस्टलैंड के साथ हुआ 12 ए डब्ल्यू 101 वी वी आई पी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति का सौदा एक जनवरी 2014 को खत्म कर दिया था।