नई दिल्ली: बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद सभी छात्र विश्वविद्यालय में दाखिला कराने के लिए आवेदन प्रक्रिया में जुटे हुए है और कटऑफ का इंतजार कर रहे है। परन्तु स्नातक में दाखिले की आवेदन प्रक्रिया 13 जून को शाम 5 बजे समाप्त हो चुकी है। यह आवेदन 12 जून तक ही स्वीकार किए जाने थे लेकिन छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे बढ़ाकर 13 जून कर दिया गया। इस वर्ष आवेदकों की संख्या में अन्य वर्षो की अपेक्षा अधिक बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष भी छात्रों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है कयोंकि सीटों की संख्या सीमित है और कई विषयों में आवेदकों की संख्या लाख भी पार कर चुकी है। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
इसके बावजूद अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। इसका सबसे बड़ा कारण केवल एक ही आवेदन फॉर्म भरने की अनिवार्यता मानी जा रही है। इस बार डीयू ने दोबारा फॉर्म ना भरने के कारण छात्रों से बैंक डिटेल, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर मांगा है। डॉ. आशुतोष भारद्वाज जो दिल्ली विश्वविद्यालय की दाखिला समिति के विशेष कार्याधिकारी है, आवेदन में कमी को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होनें कहा कि इस बार छात्रों से कई जानकारियां मांगी गई थी।
पहले से रजिस्टर्ड छात्र यदि दोबारा अपना विवरण डालते हैं तो एडमिशन पोर्टल पर उसकी ईमेल आइडी के साथ यह दिखने लगता है कि वह पहले रजिस्ट्रेशन करा चुका है या नहीं। अन्य वर्षो की तुल्ना में इस वर्ष बीए प्रोग्राम, बीकॉम और अंग्रेजी में आवेदन काफी ज्यादा आए हैं। बीए ऑनर्स जर्नलिज्म में 277 सीटों पर 80 हजार आवेदन आए हैं। ऐसे में एक सीट पर लगभग 285 दावेदार हैं। डीयू से मिली जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों की संख्या 330456 और आवेदकों की संख्या 221165 बताई जा रही है।
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