उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में सेशन कोर्ट के आदेश के बाद कलेक्टर की कुर्सी कुर्क कर दी गई। सेशन कोर्ट के आदेश के बाद उदयपुर के कलेक्टर बिष्णु चरण मल्लिक की कुर्सी जब्त हो गई। दरअसल ये मामला उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे के कंसट्रक्शन से जुडा हुआ है। 24 साल पहले इस हाईवे को एक प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर ने बनाया था। तब इस हाईवे की कीमत 9 करोड़ 98 लाख रूपये आई थी। लेकिन PWD ने कंपनी को पेमंट नहीं किया।
मामला अदालत में गया और अब सेशन कोर्ट ने आदेश दिया कि कलेक्टर की लापरवाही के कारण अब तक पेमेंट नहीं हुआ है इसलिए कलेक्टर की कुर्सी को कुर्क कर दिया जाए। जिस समय कुर्सी सीज की जा रही थी, उस समय जिला कलेक्टर वीडियो कॉफ्रेंसिंग रूम में बैठे हुए थे। ये अपनी तरह का पहला मामला है जब कोर्ट ने कलेक्टर की कुर्सी जब्त करने के आदेश दिए।
उदयपुर-डबोक-चित्तौड़ राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करने वाली केएमसी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कम्पनी का 24 वर्ष तक 9.98 करोड़ रूपए का भुगतान नहीं करने पर गुरुवार को अदालत के आदेश से सेल अमीन ने जिला कलेक्टर की कुर्सी को कुर्क कर लिया। आज की तारीख में ब्याज सहित यह राशि 9.98 करोड़ से बढ़कर 23 करोड़ से अधिक तक पहुंच गई है।