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...तो इसलिए एक साल तक शांत रहने के बाद CM केजरीवाल ने PM मोदी के खिलाफ फिर खोला मोर्चा

उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम के बाद 2017 में केजरीवाल ने जब अपनी रणनीति में बदलाव किया तो तब मोदी का करिश्मा बरकरार था। आप ऐसे नेता पर हमले नहीं करते जो लोकप्रिय हो क्योंकि उसका उल्टा असर होता है। लेकिन अब जब वह (मोदी) अलोकप्रिय हो रहे हैं तो रणनीति बदल गई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 03, 2018 17:51 IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र...- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेताओं और राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि वर्ष 2019 के आम चुनाव के लिए माहौल बनने की शुरुआत के साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सावधानी के साथ राजनीतिक खेल खेलते प्रतीत हो रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलों की अपनी रणनीति में बदलाव कर लिया है। वर्ष 2017 में पंजाब में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन तथा उत्तर प्रदेश में भाजपा द्वारा अन्य दलों का सूपड़ा साफ कर दिए जाने के बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमलों की तीव्रता कम करने का फैसला किया था। केजरीवाल एक साल से अधिक समय तक अपनी इस रणनीति पर कायम रहे , लेकिन हाल में भाजपा की कई चुनावी हार और केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ धीरे - धीरे ‘‘ बढ़ रही’’ सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर मोदी पर अपने हमलों की धार तेज करने का फैसला कर लिया है। 

आम आदमी पार्टी (आप) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा , ‘‘ उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम के बाद 2017 में केजरीवाल ने जब अपनी रणनीति में बदलाव किया तो तब मोदी का करिश्मा बरकरार था। आप ऐसे नेता पर हमले नहीं करते जो लोकप्रिय हो क्योंकि उसका उल्टा असर होता है। लेकिन अब जब वह (मोदी) अलोकप्रिय हो रहे हैं तो रणनीति बदल गई है। ’’ उन्होंने कहा कि पेट्रोल - डीजल के दामों में वृद्धि के चलते मोदी सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से , हालिया उपचुनावों में भाजपा की हार तथा भाजपा के खिलाफ विपक्ष के एकजुट होने की वजह से केजरीवाल ने रणनीति बदल ली है।

गत 31 मई को आए उपचुनाव परिणामों में भाजपा महज एक लोकसभा सीट पर जीती थी। विधानसभा सीटों में से भी उसके खाते में केवल एक सीट आई थी। इसके बाद केजरीवाल ने सावधानी के साथ एक ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की थी जिन्हें उन्होंने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अपने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत निशाना बनाया था। उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल ने मनमोहन को निशाना बनाया था। 

मोदी पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा था कि लोग मनमोहन सिंह जैसे ‘‘ शिक्षित प्रधानमंत्री ’’ की कमी महसूस कर रहे हैं। उपचुनाव परिणाम के बाद केजरीवाल ने कहा था कि परिणाम प्रधानमंत्री के खिलाफ लोगों के गुस्से को दिखाते हैं। राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने कहा , ‘‘ जब कोई नेता लोकप्रिय हो तब उस पर हमला करने का उल्टा असर होगा। अब जब विपक्ष मोदी के खिलाफ एकजुट हो रहा है , उपचुनाव परिणाम जब सत्ता विरोधी लहर दिखाते हैं , तो उन्हें (केजरीवाल) फायदा दिख रहा है और वह हमले कर रहे हैं। ’’ आप की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल मनुष्य हैं और वह जवाबी हमला करेंगे ही।

दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दिया गया है। भारद्वाज ने कहा , ‘‘ हमने अपने हमलों को कम करने तथा काम पर ध्यान देने की रणनीति अपनाने की कोशिश भी की , लेकिन पिछले एक साल में हुई घटनाएं दिखाती हैं कि इस रणनीति ने काम नहीं किया है। ’’ वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के आवास पर सीबीआई के छापे , मुख्यमंत्री अंशु प्रकाश पर आप विधायकों के कथित हमले के संबंध में मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ किए जाने , दिल्ली सरकार के सलाहकारों को हटाए जाने तथा पीडब्ल्यूडी कार्य में कथित अनियमितता के मामले में केजरीवाल के रिश्तेदार की गिरफ्तारी के संबंध में बोल रहे थे। 

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