गुवाहाटी। कोरोना वायरस संकट के बीच असम में एक अन्य गंभीर बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। यहां तेजी से फैल रहे अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से अबतक 10 जिलों में 14,465 सूअरों की मौत हो चुकी है। असम के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने मंगलवार को कहा कि सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि वह मरे हुए सुअरों को गहरे गड्ढे में दफनाएं।
इस बीमारी की वजह से राज्य के पशुपालक किसानों की आजीविका प्रभावित हो रही है। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है और असम में 10 जिलों में सूअरों की मौत होने की जानकारी मिली है। अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की वजह से पिछले कुछ दिनों में 14 हजार से अधिक सूअरों की मौत हुई है। यह संक्रमण असम में सबसे पहले इस वर्ष फरवरी में सामने आया था।
असम के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया और जंगली सूअरों को जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अगोराटोली रेंज के अंदर छह फुट गहरी और दो किलोमीटर लंबी नहर खोदी गई है ताकि आसपास के गांवों से जंगली सूअर वापस न आ सकें और घरेलू सूअर पार्क में प्रवेश ने करें। बोरा ने कहा कि राज्य नियमित रूप से केंद्र को स्थिति से अवगत करा रहा है।
बोरा ने कहा कि विभाग द्वारा 2019 की गणना के अनुसार, राज्य में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, जो बढ़कर लगभग 30 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र से मंजूरी के बावजूद, राज्य सरकार ने सूअरों को तुरंत नहीं मारने का फैसला किया है और बीमारी के प्रसार को रोकने का वैकल्पिक विकल्प चुना है।