नई दिल्ली. काबुल पर एक सप्ताह पहले तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में स्थिति खराब होती जा रही, वहीं भारत लगातार अफगान से लोगों को निकाल रही है, इन सब के बीच अफगानिस्तान की संसद सदस्य डॉ. अनारकली कौर भी रविवार को भारत पहुंचीं। उन्होंने यहां मंगलवार को कहा कि 20 साल बहुत कुछ किया गया, लेकिन अफगानिस्तान 100 साल पीछे चला गया।
राजधानी काबुल के एयरपोर्ट पर देश से बाहर निकलने के लिए हजारों लोगों की भीड़ लग रही है। मुल्क की पहली गैर मुस्लिम सांसद अनारकली कौर ने भारत पहुंचने के बाद IANS से अफगान के हालात बयां किए। उन्होंने कहा, "हमने 20 साल बहुत कुछ किया, लेकिन अफगानिस्तान 100 साल पीछे चला गया।"
अनारकली कौर ने कहा, "हम सब कुछ छोड़कर वापस आ गए, अफगान ऐसा देश है, जहां बहुत जल्दी सब कुछ बदल जाता है। इन बदलावों में हालात भी खराब होते हैं। हम सोचते हैं, 20 साल बहुत कुछ किया गया, लेकिन हम 100 साल पीछे चले गए।"
अफगानिस्तान में तालिबान के लौटन के बाद महिलाओं का भविष्य कैसा देख रही हैं? इस सवाल के जवाब में अनारकली ने कहा, "हम अभी कुछ नहीं कह सकते, क्योंकि उधर अभी सरकार नहीं है। तालिबान क्या चाहता है, पता नहीं। अभी हम डरे हुए हैं।"
उन्होंने कहा, "तालिबान महिलाओं को हिजाब पहनने को कहता है, हालांकि उधर सब हिजाब में हैं, लेकिन तालिबान की नजरों में जैसा हिजाब होना चाहिए, उसे पहनने की लिए दबाब बनाया जाता है। अब महिलाओं के रोजगार का क्या होगा? पढ़ाई का क्या होगा? यह भविष्य में पता लगेगा।"
क्या आप अफगान वापस जाएंगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हालात के मुताबिक तय किया जाएगा, हमारी नजर से सुकून यह नहीं कि लड़ाई-झगड़ा न हो, बल्कि मेरी नजर में सुकून वो है, जिसमें लड़कियां पढ़ाई लिखाई करें, काम करें। वहीं उन्हें डर न हो कि कहीं बाहर निकलूं तो कुछ हो जाएगा। हमारा हक मिलना ही हमारे लिए सुकून है।"
अनाकरली ने आगे भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया कि उन्हें सुरक्षित ही हिंदुस्तान लाया गया, हालांकि उन्होंने सरकार से यह गुजारिश कि की उनके बचे हुए लोगों को भी हिंदुस्तान जल्द लाया जाए साथ ही ह्यूमन राइट्स, मीडिया के लोगों को भी भारत लाया जाए। दरअसल, अनारकली कौर और नरेंद्र सिंह खालसा दो अफगानिस्तानी नेता थे, जिन्हें भारत काबुल से निकालने में कामयाब रहा है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने का सिलसिला जारी है, भारतीय वायुसेना वहां से अपने नागरिकों को निकालने में जुटा हुआ है। अफगानिस्तान में 15 अगस्त को तालिबान के काबुल में घुसने के बाद, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफा दे दिया और अपने सहयोगियों के साथ देश छोड़कर भाग गए। हजारों लोग अफगानिस्तान छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं।