बेंगलुरु. भारत की रक्षा तकनीक और ताकत को दुनिया को दिखाने के लिए बेंगलुरु में 3 से 5 फरवरी तक होने वाला एयरो इंडिया 2021 कई मायनों में खास है। कोरोना काल में हो रहे इस एयरो शो में भारत की आत्मनिर्भरता का दमखम देखने को मिलेगा। एशिया के सबसे बड़े एयरो शो "एयरो इंडिया" का ये 13वां एडिशन है। बेंगलुरु के एलहंका एयर बेस पर हो रहे इस एयरो शो की शुरुआत से पहले आज एक फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया। अगले तीन दिनों तक दुनिया की आंखे बेंगलुरु के आसमान में ही टिकने वाली हैं क्योंकि यहां के आसमान में राफेल और तेजस जैसे विमान अपने करतब दिखाएंगे।
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भारतीय वायु सेना का हिस्सा बन चुके राफेल की आसमान को चीरती गर्जना से लोगों की आंखे फटी की फटी रह जाती हैं। जब हमारा अपना तेजस हवा से बातें हुए हैरत अंगेज हवाई करतब दिखाता है तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आज एलहंका एयर बेस पर शुक्रवार से शुरू होने जा रहे एयरो शो की फूल ड्रेस रिहर्सल हुई, जिसे सेना के परिवार वालों को देखने की इजाजत मिली।
चूंकि इस बार एयरो इंडिया में विदेशी प्लेयर्स ज्यादा नहीं हैं, ऐसे में रक्षा उत्पाद से जुड़ी स्वदेशी कम्पनियों HAL और DRDO को अपनी काबिलियत दिखाने का बहुत बड़ा अवसर मिला है। यही वजह है कि HAL ने एयर डिस्प्ले में अपने सभी जहाजों को जगह दी है और इसे आत्मनिर्भर फॉर्मेशन का नाम दिया है।आत्मनिर्भर फॉर्मेशन की फुल ड्रेस रिहर्सल की उड़ान के दौरान HAL के हल्के लड़ाकू विमान का प्रशिक्षण देने वाले जहाज HTT 40, इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर, एडवांस हॉक आई मार्क 132 जैसे जहाज एक खास फॉर्मेशन में नजर आए।
इस फॉर्मेशन में भारत द्वारा भारत में बने एयरक्राफ्ट्स ने आकाश में अपनी शक्ति दिखाई। इस फॉर्मेशन में सबसे पहले एलसीए तेजस, जिसके बाद दो HTT-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट, 1 hawk-i, IJT का 1 एयरक्राफ्ट और आखिर में Dornier 228 शामिल था, ये तस्वीरें हर भारतीय के दिल में गर्व भरने वाली है। इसके बाद जब भारतीय हल्का लड़ाकू जहाज तेजस ने रिहर्सल के दौरान उड़ान भरी तो तेजस की काबिलियत और क्षमता को देखकर लोग भौंचक्के रह गए।
इसके अलावा सबसे दिलचस्प सारंग और सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम का कंबाइन डिस्प्ले भी रहा, हर साल ये दोनों टीम अपना अलग-अलग डिस्प्ले करती है लेकिन यह पहली बार है जब दोनों टीम का एक साथ प्रदर्शन देखने को मिला है। एयरो इंडिया के इस 13वें एडिशन में सुखोई -30 MKI, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, LUH, Mi-17, C-17 ग्लोबमास्टर, जागुआर, AEWC एयरक्राफ्ट भी एयर डिस्प्ले का हिस्सा बन रहे हैं, इसके अलावा 1947 भारत पाक युद्ध में मजबूत दावेदारी निभाने वाला विंटेज डकोटा (परशुराम) एयरक्राफ्ट भी इस एयरो इंडिया शो में हिस्सा ले रहा है।
दो साल में एक बार होने वाले इस एयरो-शो में भारत अपने स्वदेशी हथियार, फाइटर जेट्स और मिसाइलों की प्रर्दशनी दुनिया के लिए लगाने वाला है, साथ ही दुनियाभर की बड़ी एयरो-स्पेस कंपनियां भी भारत के साथ मिलकर भारत में ही अपने हथियारों का उत्पादन करने के लिए पहुंच रही हैं। 13वें एयरो इंडिया शो के लिए अब तक देश-विदेश की कुल 601 कंपनियां तीन दिनों तक बेंगलुरू में होने वाली प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुकी हैं 523 भारतीय, 14 देशों की 78 विदेशी कंपनियां है। इनमे से 248 एग्जीबिटर्स वर्चुअली हिस्सा लेंगी। कोविड-प्रोटोकॉल के चलते इस बार एयरो-शो में आम लोगों को आने की इजाजत नहीं होगी। लोगों को वर्चुअल माध्यम से शो दिखाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने खास इंतजाम किए हैं। इस बार के एयरो इंडिया शो को हाइब्रिड शो का नाम दिया गया है।