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जजों की प्रेस कॉन्फेंस से सुप्रीम कोर्ट में वकील और याचिकाकर्ता हैरान रह गए

लेकिन एक घंटे बाद ही सब कुछ बदल गया, एक ऐसा घटनाक्रम हुआ जिससे देश हैरान रह गया और न्यायपालिका एक अप्रत्याशित संकट से घिर गयी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 12, 2018 23:54 IST
supreme court
Image Source : PTI supreme court

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय का कामकाज दूसरे दिनों की तरह आज भी सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुआ और कुछ भी अलग नहीं था। हमेशा की तरह वहां न्यायाधीशों, वकीलों, याचिकाकर्ताओं और संवाददाता अपने अपने कामों में लगे थे। लेकिन एक घंटे बाद ही सब कुछ बदल गया, एक ऐसा घटनाक्रम हुआ जिससे देश हैरान रह गया और न्यायपालिका एक अप्रत्याशित संकट से घिर गयी।

दिन में करीब साढ़े 11 बजे न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ अपने अपने अदालत कक्षों से निकले। इस बीच न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने भी दिन का अपना अधिकतर कामकाज पूरा किया जबकि न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर ने अपने चैंबर में सुनवाई की। चारों न्यायाधीश मिनटों में उच्चतम न्यायालय परिसर से निकले और लुटियंस इलाके में स्थित चार, तुगलक रोड बंगले पर एक अनिर्धारित संवाददाता सम्मेलन किया। इस बंगले में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर रहते हैं। यह एक अप्रत्याशित घटना थी क्योंकि अब तक उच्चतम न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश ने मीडिया को सार्वजनिक रूप से संबोधित नहीं किया था। 

उनके एकाएक अदालत परिसर से निकलने की खबर उच्चतम न्यायालय के गलियारे में आग की तरफ फैल गयी और पत्रकार, वकील एवं याचिकाकर्ता स्तब्ध रह गए। वहां मौजूद संवाददाताओं के लिए करीब चार किलोमीटर की दूरी पर संवाददाता सम्मेलन में तुरंत पहुंचना भी चुनौती था। शेखर गुप्ता जैसे वरिष्ठ पत्रकार और संप्रग के कार्यकाल में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहीं वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह उन लोगों में से थे जो संवाददाता सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले वहां पहुंच गए। 

मीडिया को करीब सात-आठ मिनट संबोधित करने के बाद न्यायाधीशों ने कुछ महत्वपूर्ण के जवाब देने से इनकार कर दिया, मसलन - क्या वे चाहते हैं कि प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग चले। इस पर उन्होंने कहा कि वे राजनीति नहीं कर रहे हैं और पत्रकारों से कहा कि वे अपने जवाब उनके मुंह से कहलवाने की कोशिश ना करें। 

माकपा नेता डी राजा बाद में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के घर गए और कुछ सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के कुछ और न्यायाधीश भी वहां पहुंचे। इसके बाद यह खबर फैली कि अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल प्रधान न्यायाधीश के साथ बैठक कर रहे हैं। एक ट्वीट भी फैला कि दोनों एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे जोकि नहीं हुआ। इस बैठक को कवर करने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचे पत्रकारों को न्यायालय का कामकाज (शाम चार बजे तक) खत्म होने तक लंबा इंतजार करना पड़ा जो व्यर्थ गया। संपर्क किए जाने पर पूर्व प्रधान न्यायाधीश के जी बालकृष्णन, वरिष्ठ वकील के टी एस तुलसी, पूर्व न्यायाधीश आर एस सोढ़ी और अन्य ने घटनाक्रम को हैरान करने वाला और अप्रत्याशित बताया।

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