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Coronavirus: गृह मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों के लिए जारी की एजवाइजरी, जानें क्या कहा?

मंत्रायल ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग हल्के से मध्यम श्वसन रोग का अनुभव करते हैं और किसी विशेष उपचार की आवश्यकता के बिना ठीक हो जाते हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : April 01, 2020 1:08 IST
Advisory for quarantine of migrant workers by MHA
Image Source : PTI Advisory for quarantine of migrant workers by MHA

गृह मंत्रालय ने 21 के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के इस समय में प्रवासी श्रमिकों के लिए मंगलवार को एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय ने अपनी इस एडवाइजरी में जो अभी जहां है उसे वहीं रहने को कहा है। गृह मंत्रालय ने इस संबध में कहा कि प्रवासियों को उन्हें उनके मकान मालिक द्वारा मकान खाली करने के लिए नहीं कहा जाएगा। अगर ऐसा होता है तो स्थानीय प्रशासन इस संबंध में कार्रवाई करेगा। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग हल्के से मध्यम श्वसन रोग का अनुभव करते हैं और किसी विशेष उपचार की आवश्यकता के बिना ठीक हो जाते हैं। उन्होनें बताया कि कोरोना वायरस के अधिक उम्र के लोगों पर गंभीर प्रभाव होने की संभावना होती है। इसके अलावा हृदय, मधुमेह, श्वसन समस्याओं के रोगियों पर भी इनका प्रभाव पड़ सकता है।

गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

इससे पहले केंद्रीय गृह सचिव ने ‘कोविड-19’ के मद्देनजर किए गए 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कृषि श्रमिकों, औद्योगिक कामगारों और असंगठित क्षेत्र के अन्‍य कामगारों को भोजन एवं आश्रय सहित पर्याप्त सहायता प्रदान करने हेतु तत्काल कदम उठाने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा था। इसी तरह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह दी गई थी कि वे अन्य राज्यों के विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं इत्‍यादि का अपने मौजूदा आवास में ही बने रहना सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्‍यक कदम उठाएं।

एडवाइजरी में यह सुझाव दिया गया है कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों, विशेषकर विभिन्‍न स्‍थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलें कम करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को गैर सरकारी संगठनों सहित विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से उन्‍हें स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ भोजन और आश्रय भी प्रदान करने के उपाय करने चाहिए।

इसके अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी गई है कि वे इन असुरक्षित वर्गों या लोगों को सरकार द्वारा किए गए विभिन्‍न ठोस उपायों से अवगत कराएं जिनमें पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएं मुफ्त में मुहैया कराना भी शामिल है। इसके साथ ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वितरण प्रणाली को सुव्‍यवस्थित बनाने की भी सलाह दी गई है। एडवाइजरी के अनुसार, इससे इन लोगों की अनावश्‍यक आवाजाही को रोकने में मदद मिलेगी। 

गृह मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि होटल, किराये पर दिए गए कमरे,  छात्रावास इत्‍यादि निरंतर चालू अवस्‍था में रहें और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी भी सुव्यवस्थित रहे, ताकि छात्र-छात्राएं, कामकाजी महिलाएं, छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थी इत्‍यादि आवश्‍यक सावधानियां बरतते हुए अपने-अपने वर्तमान कमरों एवं आवासों में ही आगे भी रह सकें।

आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को बार-बार यह निर्देश दिया जा रहा है कि वे लॉकडाउन को सख्ती से लागू करें और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विभिन्न कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई करें। यह कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अत्‍यंत आवश्यक है।

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