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1998 में सड़क किनारे मिली थी लावारिस, अब "जीवन संवारने वाले" पुलिसकर्मी से मिलने न्यूजीलैंड से भारत आईं बहने

गोद लिए गए बच्चे अकसर बड़े होने के बाद जन्म देने वाले माता-पिता का पता लगाने की सोचते हैं, लेकिन न्यूजीलैंड से दो बहनें एक पुलिसकर्मी से मिलने पुणे आई हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 04, 2019 20:01 IST
Adopted sisters from New Zealand come looking for saviour...
Adopted sisters from New Zealand come looking for saviour cop

पुणे: गोद लिए गए बच्चे अकसर बड़े होने के बाद जन्म देने वाले माता-पिता का पता लगाने की सोचते हैं, लेकिन न्यूजीलैंड से दो बहनें एक पुलिसकर्मी से मिलने पुणे आई हैं। यही पुलिसकर्मी उन्हें जन्म देने वाले माता-पिता द्वारा सड़क के किनारे छोड़े जाने के बाद अपने साथ ले गया था।

सीमा जीनत (24) और रीमा साजिया (23) नामक बहनें मंगलवार को अपने दत्तक अभिभावक के साथ डेक्कन जिमखाना पुलिस थाने पहुंची। वे न केवल उस पुलिसकर्मी से मिलना चाहती थी जिसने उन्हें सड़क किनारे से उठाया, बल्कि उस पुलिस स्टेशन को भी देखना चाहती थी जहां उन्हें लाया गया था।

डेक्कन जिमखाना पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भास्कर जाधव ने बताया, ‘‘हमारे रिकॉर्ड के अनुसार 2007 में सहायक उप निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए सरजेराव कांबले ने 25 अप्रैल 1998 दोनों बहनों को सड़क के किनारे लावारिस हालत में पाया। इनमें से एक दो साल की थी और दूसरी तीन साल की थी।’’ उस वक्त कांस्टेबल कांबले ने उनके माता पिता की तलाश की और वह उन्हें नहीं खोज सका। लड़कियों को सोसायटी ऑफ फ्रेंडस द ससून अस्पताल (एसओएफओएसएच) द्वारा संचालित शिशु देखभाल केंद्र ‘श्रीवत्स’ को सौंप दिया गया।

सीमा और रीमा नामक दोनों बहनें अनाथालय में रहीं जहां से उन्हें वेलिंगटन, न्यूजीलैंड के युगल ने गोद ले लिया था। एसओएफओएसएच की प्रशासन प्रभारी शर्मिला सैयद ने बताया, ‘‘दोनों बहनें और उनके दत्तक अभिभावक पहले भी दो बार श्रीवत्स आ चुके हैं। लेकिन उन्होंने नहीं बताया था कि बचपन में दोनों बहनों को कैसे केंद्र लाया गया था।’’ उन्होंने बताया, ‘‘इस वक्त पुणे आने से पहले उन्होंने विवरण बताने का अनुरोध किया और कांबले से मिलने की इच्छा व्यक्त की।’’ उन्होंने बताया कि सीमा अब शिक्षक है जबकि रीमा इंजीनियर है।

दुर्भाग्य से वे न्यूजीलैंड जाने से पहले सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी से नहीं मिल सकी। जाधव ने बताया, ‘‘कांबले अब 73 साल के हो चुके हैं। हमने उनसे संपर्क करने का प्रयास किया और पता चला कि वे शहर से बाहर हैं।’’

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