नई दिल्ली: पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी पद्मश्री के लिए चुने जाने को लेकर सोमवार को राजनीतिक बहस का केंद्र बने रहे। इस बीच अदनान सामी ने पद्मश्री पर बयान देते हुए कहा, ''मेरे वजूद में तो दुनिया में जो भी इसके तासूर हों, मेरी जिन्दगी में इसका कोई असर नहीं होता, क्योंकि वो पुराना गाना है ना कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना। आप कभी भी सभी को खुश नहीं कर सकते।''
अपने पिता के बारे में अदनान सामी ने कहा, ''मेरे पिता 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान के एक फाइटर पायलट थे। उन्होंने अपने देश के लिए अपनी ड्यूटी निभाई। उनको देशभक्ति के लिए सम्मानित भी किया गया। कौन सी दुनिया में ऐसा दस्तुर है एक बेटे पर आप इल्ज़ाम लगाते हो उसके बाप के कामों के ऊपर।''
बता दें कि एक ओर सत्तारूढ़ भाजपा और लोजपा ने अदनान सामी को इस पुरस्कार के लिए ‘‘सर्वाधिक योग्य’’ करार दिया, वहीं दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस ने पुरस्कार दिए जाने के आधार पर सवाल उठाए और राकांपा ने इसे अपमान बताया। राजनीतिक दलों में 2016 में भारतीय नागरिक बने सामी के भारत में योगदान को लेकर बहस छिड़ गयी।
सामी ने इस पुरस्कार के लिए उन्हें चुने जाने को लेकर रविवार को आभार व्यक्त किया था और अपने आलोचकों पर भी निशाना साधा। संगीतकार एवं गायक के तौर पर हिंदी फिल्म संगीत क्षेत्र में करियर बनाने वाले 46 वर्षीय सामी की कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल के साथ ट्विटर पर बहस छिड़ गई। दरअसल, शेरगिल ने ट्विटर पर कहा था कि सामी को ‘‘चाटुकारिता करने के कारण’’ पुरस्कार के लिए चुना गया। इस टिप्पणी से नाराज सामी ने ट्वीट किया, ‘‘हे बच्चे, क्या आपको दिमाग 'क्लीयरेंस सेल' से या ‘सेकेंड हैंड नॉवेल्टी स्टोर’ से मिला है? क्या तुम्हें बर्कले में यही सिखाया गया है कि एक बेटे को उसके माता-पिता के कामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए या सजा दी जानी चाहिए? और आप एक वकील हैं? लॉ स्कूल में क्या सीखा है? इसके साथ ही शुभकामनाएं।’’