नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा की बैठक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार जैसे कई पूर्व दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद मंगलवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में भोला सिंह, एमआई शानवास और मोहम्मद असरारुल हक के निधन पर भी शोक प्रकट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, वहीं उच्च सदन में 15 पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। लोकसभा की बैठक 11 बजे राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने वाजपेयी, चटर्जी और कुमार के निधन का उल्लेख किया। उन्होंने भाजपा सांसद भोला सिंह, कांग्रेस सदस्य एम आई शानवास और पार्टी सांसद मोहम्मद असरारुल हक के निधन की भी जानकारी सदन को दी।
सभा ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष चटर्जी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमार के साथ ही तीनों दिवंगत सदस्यों के सम्मान में कुछ पल का मौन रखा। जिसके बाद बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले महाजन ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए सदन में एक शोक प्रस्ताव रखा और उन्हें ‘‘संसद के महानतम सदस्यों में से एक’’ की संज्ञा दी। लोकसभा में पारित यह प्रस्ताव वाजपेयी के परिजनों को प्रेषित किया जाएगा। सदन में इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सत्ता पक्ष-विपक्ष के अनेक वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
राज्यसभा की बैठक स्थगित
राज्यसभा की बैठक 11 बजे राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई। इसके बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने वाजपेयी, चटर्जी, नारायण दत्त तिवारी और अनंत कुमार, डोरेन्द्र सिंह, कर्मा टोपडेन, एन हरिकृष्ण, दर्शन सिंह यादव, सत्य प्रकाश मालवीय, प्रो रामदेव भंडारी, मालती शर्मा और बैष्णव परीदा, वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर, रत्नाकर पांडे और पी के माहेश्वरी के निधन का उल्लेख किया।
उच्च सदन ने सभी दिवंगत सदस्यों के प्रति सम्मान में कुछ पल का मौन रखा गया। इसके बाद नायडू ने सदन की बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। अनंत कुमार के लिए शोक संदेश पढ़ते हुए नायडू भावुक हो गए। उन्होंने कुमार को अपना करीबी मित्र बताते हुए कहा ‘‘उनके असामयिक निधन से मैंने एक निजी मित्र खो दिया है।’’
नायडू ने वाजपेयी सहित सभी दिवंगत सदस्यों के सम्मान में शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए उनकी उपलब्धियों और सामाजिक योगदान का जिक्र किया। इस दौरान सदन में नेता सदन अरुण जेटली, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण, पियूष गोयल, विजय गोयल और रविशंकर प्रसाद सहित सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू होकर अगले साल आठ जनवरी तक चलेगा।