Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Lockdown के दौरान मध्य प्रदेश में शराब की जगह सेनेटाइजर पी रहे हैं नशेड़ी

Lockdown के दौरान मध्य प्रदेश में शराब की जगह सेनेटाइजर पी रहे हैं नशेड़ी

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शराब नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेश में शराबी नशे के रूप में कथित रूप से सेनेटाइजर का सेवन कर रहे हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : May 03, 2020 20:28 IST
Representational Image
Representational Image

भोपाल: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शराब नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेश में शराबी नशे के रूप में कथित रूप से सेनेटाइजर का सेवन कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के दौरान सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत सेनेटाइजर में कम से कम 70 प्रतिशत एल्कोहल की मात्रा होना अनिवार्य है। अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी शराब एवं भांग की दुकानें कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अभी तक बंद हैं।

भोपाल स्थित सिद्धांता रेडक्रॉस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ सुबोध वार्ष्णेय ने रविवार को बताया, ''मुझे भी जानकारी मिली है कि शराबी नशे के लिए सेनेटाइजर का सेवन कर रहे हैं। ऐसा करके वे अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। यह गंभीर समस्या है।'' उन्होंने कहा, ''दरअसल मैंने हाल ही में 18 वर्षीय एक युवती का इलाज किया था, जिसने सेनेटाइजर पी लिया था। हालांकि, उसने कहा था कि उसने गलती से सेनेटाइजर पी लिया था। लेकिन उसके इस तर्क पर विश्वास नहीं हो रहा।''

वार्ष्णेय ने बताया कि शराब बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्मित सेनेटाइजर में 'एथिल एल्कोहल' एवं 'हाइड्रोजन पेरोक्साइड' होती है, जो विषाक्त संयोजन है। असलियत में इस सेनेटाइजर में एक व्हिस्की की बोतल में जितना एल्कोहल रहता है, उससे दोगुना एल्कोहल है। उन्होंने कहा, ''सेनेटाइजर की बोतलों पर चेतावनी लिखी होनी चाहिए कि यह केवल बाह्य उपयोग के लिए है।'' उन्होंने कहा, ''बाजार में तीन प्रकार के सेनेटाइजर मिल रहे हैं। मेरी जानकारी के अनुसार अन्य दो प्रकार के सेनेटाइजर को उपयोग शराब के सेवन के रूप में नहीं किया जा रहा है, लेकिन शराब बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्मित सेनेटाइजर में 'खाद्य एल्कोहल' होने के कारण कुछ शराबी इसका सेवन कर रहे हैं।''

एक दिन पहले मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में एक व्यक्ति को सेनेटाइजर से शराब बनाने और इसे ऊंची कीमत पर लोगों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। रायसेन जिले की पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने बताया कि इस संबंध में आबकारी कानून के प्रावधानों के तहत इंदल सिंह राजपूत पर मामला दर्ज किया गया है। वहीं, मध्यप्रदेश आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सेनेटाइजर का सेवन शराब के तौर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘सेनेटाइजर मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। हालांकि, मैं लोगों को सलाह देता हूं कि उन्हें सेनेटाइजर को पीना नहीं चाहिए।’’

जब उनसे सवाल किया गया कि महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव में हाल ही में सेनेटाइजर पीने से दो लोगों की मौत के बाद आबकारी विभाग ने लोगों से सेनेटाइजर न पीने की कथित तौर पर अपील की है, तो इस पर उन्होंने कहा, ''यह एल्कोहल नहीं है। यह मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।'' बहुगुणा ने बताया, ''यह नियंत्रक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के अंतर्गत आता है।'' इस संबंध में नियंत्रक खाद्य और नागरिक आपूर्ति ज्योति शाह परवरिया ने बताया, ''मैं ड्रग (दवाएं) का काम नहीं देखती हूं।'' उप नियंत्रक (ड्रग) शोबित कोश्टा से इस बारे में टिप्पणी लेने के लिए बार-बार फोन करने पर भी संपर्क नहीं हो पाया। मध्य प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (स्वापक औषधि) डॉ एस. डब्ल्यू. नकवी ने बताया कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि शराबी सेनेटाइजर का सेवन शराब के रूप में कर रहे हैं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement