नई दिल्ली: बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है। मुजफ्फरपुर में अबतक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि सैंकड़ों बच्चे अभी भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने इस बीमारी को रोकने और बीमार बच्चों की इलाज में पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन हर कोशिश नाकाफी साबित हो रही है। सैंकड़ो बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरकत में आए हैं और आज वो खुद मुजफ्फरपुर पहुंच रहे हैं जहां वो अस्पताल में हालात का जायजा लेंगे।
बिहार में चमकी बुखार ऐसी महामारी बनकर सामने आई है जिसके सामने विज्ञान भी बौना नजर आ रहा है। हर गुजरते दिन के साथ मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार से अब तक सौ से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। कल भी चमकी बुखार से मजफ्फरपुर के दो अस्पतालों में 5 बच्चों की मौत हो गई।
एक तरफ एक-एक कर बच्चे दम तोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार से लेकर डॉक्टर तक चमकी बुखार के सामने लाचार नजर आ रहे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि अबतक ये पता नहीं लग सका है कि चमकी बुखार का कारण क्या है। डॉक्टर भी भगवान भरोसे हैं और उन्हें भी मॉनसून का इंतजार है। उनका कहना है कि एकबार बारिश शुरू हो जाए तो फिर इस बीमारी का असर धीरे धीरे कम हो जाएगा।
हालात से निपटने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीती शाम आला अधिकारियों और मंत्रियों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए। चमकी बुखार के कारण जानने के लिए एक खास टीम तैयार की गई है। ये टीम हरेक प्रभावित घर जाकर बीमारी के बैकग्राउंड का पता लगाएगी और प्रभावित बच्चों को मुफ्त एंबुलेंस सुविधा मुहैया कराई जाएगी। साथ ही बच्चों के इलाज पर होने वाले खर्च को भी अब सरकार उठाएगी। मृतकों के परिवार को मुआवजे के तौर पर 4 लाख रुपए दिए जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक आज दोपहर करीब 12 बजे सीएम नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे और अस्पताल का दौरा करेंगे। सरकार की सुस्ती पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। बिहार के नौनिहाल अस्पताल में दम तोड़ रहे हैं और सरकार धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। बड़ी बात ये है कि ये हर साल की बात है लेकिन हर बार सरकार केवल वादों का दिलासा देकर चुप हो जाती है। बिहार के 12 जिले इस बीमारी से प्रभावित हैं लेकिन इनमें से 75 प्रतिशत केस मुजफ्फरपुर के चार प्रखंडों मुशहरी, बोचहा, मीनापुर और कांटी से ही हैं।