मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया पर जजों और कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने पर एक शख्स को 3 महीने कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी शख्स पर 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाई कोर्ट ने Facebook पर जजों के बारे में आपत्तिजनक बात लिखने वाले पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर को 3 महीने की कैद और 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
फैसला सुनाते हुए जस्टिस अभय ओक की अध्यक्षता में बनी पूर्ण पीठ ने कहा कि जब भी किसी की स्वतंत्रता या जीवन का अधिकार प्रभावित होता है तो वह पुलिस और कोर्ट का रुख करता है। पीछ ने कहा कि यदि कोर्ट की छवि लगातार आरोपों से खराब की जाएगी तो कानून का राज खत्म हो जाएगा जो कि दुखद होगा। पीठ ने कहा कि आजकल लोग अभिव्यक्ति व बोलने की स्वतंत्रता की आड़ में कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले आरोप लगा रहे हैं, जो कि अच्छी बात नहीं है।कोर्ट ने कहा कि संविधान ने मौलिक अधिकार के साथ-साथ नागरिकों के दायित्यों का भी उल्लेख किया है और उनका पालन भी जरूरी है।
रिपोर्टस के मुताबिक, दोषी पाए गए तिरोडकर ने फेसबुक पर हाई कोर्ट के मौजूदा व पूर्व जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा था कि रेस्तरां की तरह कोर्ट का भी मेन्यूकार्ड होता है जिसमें जजों की रेटलिस्ट होती है जो जमानत के मामलों में लागू होती है। हालांकि सुनवाई के दौरान तिरोडकर ने कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा कि ये टिप्पणियां करते हुए उसकी मनोदशा ठीक नहीं थी, इसलिए जज उसे माफ कर दें। हालांकि कोर्ट ने कहा कि हमें तिरोडकर का माफीनामा प्रमाणिक नजर नहीं आ रहा है। इसके बाद कोर्ट ने तिरोडकर की अपील पर अपने आदेश पर 6 सप्ताह तक के लिए रोक लगा दी ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके।