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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, मरीजों को लौटाने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई होगी

हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें फोन, सोशल मीडिया, ट्विटर और प्रिंट मीडिया के जरिए तमाम शिकायतें मिली हैं कि कोविड-19 के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को बिना इलाज लौटाया जा रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 18, 2020 7:13 IST
Harsh Vardhan, Union Health Minister Harsh Vardhan, Harsh Vardhan Hospitals- India TV Hindi
Action will be taken against hospitals if they turn away patients, says Harsh Vardhan | PTI File

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को इलाज के बगैर वापस लौटाए जाने की कई शिकायतें मिलने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि यदि ऐसे किसी भी मरीज को इलाज किए बिना वापस लौटाया जाता है तो इस मामले में अस्पताल और स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और यहां के प्रमुख केन्द्रीय अस्पतालों के, दिल्ली सरकार के अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों और एमसीडी के नगर आयुक्तों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में यह बात कही।

‘हमें तमाम शिकायतें मिली हैं’

हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें फोन, सोशल मीडिया, ट्विटर और प्रिंट मीडिया के जरिए तमाम शिकायतें मिली हैं कि कोविड-19 के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को बिना इलाज लौटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मरीजों में ऐसे लोग हैं जिन्हें डायलिसिस, खून चढ़ाने की जरुरत है या फिर जिन्हें सांस लेने संबंधी और हृदय रोग हैं। मंत्री ने कहा, ‘हमें आपात स्थिति में अस्पताल आने के बाद इलाज से मना किए जाने वाले इन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के बारे में सोचना होगा। उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भेजा जा रहा है, ऐसे में उन्हें तुरंत इलाज नहीं मिल रहा है और उनकी मौत हो जा रही है।’

‘अन्य मरीजों का भी ध्यान रखें’
उन्होंने सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों से कहा कि वे कोविड-19 के अलावा अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का भी उतने ही गंभीरता से ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन सभी के लिए परीक्षा का समय है, जो लोग बीमार है और जिन्हें इलाज की जरुरत है वे इन हालात में बड़ी मुश्किल से घर से निकल कर अस्पताल तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें उन्हें ऐसे ही वापस नहीं भेज देना चाहिए क्योंकि डायलिसिस और खून चढ़ाने जैसे इलाज इंतजार नहीं कर सकते हैं।’

‘बिना इलाज वापस भेजा तो कार्रवाई’
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘यदि गंभीर रूप से बीमार किसी भी मरीज को बिना इलाज अस्पताल से वापस भेजा गया तो गलती करने वाले स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली में एम्स और सफदरजंग अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज की सुविधा है और दिल्ली सरकार के एलएनजेपी तथा राजीव गांधी सुपरस्पेशियालिटी अस्पताल कोविड-19 के लिए विशेष रूप से समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि अन्य सभी अस्पतालों को कोविड-19 के अलावा अन्य मरीजों का भी इलाज करना है। (भाषा)

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