अमरावती: आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में नागरिक प्रशासन की ओर से सोमवार को कृष्णा नदी के तट पर बने अनाधिकृत निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह एक स्पष्ट संकेत भी है कि इसका अगला लक्ष्य पूर्व मुख्यमंत्री एवं तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू का निवास हो सकता है। आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीसीआरडीए) के अधिकारियों ने वंदावल्ली गांव में नायडू के आवास के पास एक टीडीपी नेता के अनाधिकृत निर्माण को ढहा दिया।
कड़ी सुरक्षा के बीच पहुंचे कर्मचारियों ने सीमेंट रैंप को ध्वस्त कर दिया। एपीसीआरडीए के अधिकारियों ने कहा कि टीडीपी नेता पी. कोटेश्वर राव ने नियमों का उल्लंघन करते हुए नदी के किनारे इमारत का निर्माण किया था। एपीसीआरडीए का कहना है कि यह निर्माण आंध्र क्षेत्र के नदी संरक्षण अधिनियम-1884 के तहत बिना किसी पूर्व अनुमति के किए गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री नायडू के आवास से संबंधित नोटिस जारी किए जाने के दो दिन बाद यह कार्रवाई हुई है। इस संबंध में 19 सितम्बर को एक आदेश जारी किया गया और 21 सितम्बर को अनाधिकृत निर्माणों पर चिपकाया गया। लिंगमनेनी रमेश को सात दिनों के अंदर अनाधिकृत निर्माण को हटाने के लिए कहा, मगर उन्होंने इसे नहीं हटाया, जिसके बाद एपीसीआरडीए ने इसे ढहा दिया।
घर के मालिक को 27 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हाल में जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि नोटिस के संबंध में दिए गए जवाब से प्राधिकरण संतुष्ट नहीं हुआ। एपीसीआरडीए के अनुसार नदी के किनारे बने 24 अनाधिकृत निर्माणों के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
प्राधिकरण ने यह स्पष्ट किया कि एपीसीआरडीए अधिनियम के अनुसार कृष्णा नदी के किनारे बने सभी अनाधिकृत निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जगनमोहन रेड्डी सरकार ने चुनाव में टीडीपी की हार के बाद सत्ता संभालने के एक महीने बाद जून में नायडू के आवास से सटे सरकारी भवन प्रजा वेदिका को भी ध्वस्त कर दिया था। तेदेपा ने हालांकि आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के साथ काम कर रही है।