नई दिल्ली: दिल्ली दंगा कितना भयानक था अब तक आपने चश्मदीदों से सुना। इस हिंसा में कई पुलिस वाले भी घायल हुए। गोकुलपुरी के एसीपी अनुज कुमार भी जख्मी हुए। एसीपी अनुज खुद फ्रंटलाइन पर थे और उन्हीं के सामने हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल शहीद हुए। एसीपी अनुज के सामने हीं डीसीपी अमित शर्मा सड़क पर बेहोश पड़े थे जिनकी एसीपी ने जान बचाई। अनुज ने बताया कि वहां लोग ज्यादा थे और उन्होंने पथराव शुरू किया तो फोर्स बिखर गई।
24 तारीख की सुबह साढ़े 11 बजे और 12 बजे के आसपास की बात है। मेरी और रतन और बाकी कर्मचारियों की ड्यूटी चांदबाग मजार से 80 सौ मीटर आगे थे। 23 को वहां पर वजीराबाद रोड को जाम किया था, जिसे देर रात को खुलवाया गया था। उस रास्ते को क्लियर रखन के निर्देश मिले थे।
उन्होंने आगे बताया कि उस दिन धीरे-धीरे काफी लोगो जमा हो गए थे। महिलाएं फ्रंट पर थीं। वजीराबाद रोड के पास वे आने लगे। हमने उन्हें समझाया। वे लगातार आगे बढ़ते रहे। सर्विस रोड की तरीफ हमने उन्हें पीछे करने की कोशिश की। आदेश था कि जो प्रदर्शन है वो सर्विस रोड तक सीमित रहे।