नई दिल्ली। कमलेश तिवारी मर्डर केस में रविवार को पुलिस के हाथ बड़े सबूत लगे हैं। सूत्रों के जरिए मिली सूचना के अनुसार एटीएस को जांच में पता चला है कि हत्याकांड के आरोपी अशफाक ने फर्जी फेसबुक आईडी के जरिए कमलेश तिवारी से संपर्क साधा था। अशफाक ने नाम बदलकर रोहित सोलंकी के नाम से फर्जी फेसबुक आईड़ी बनाई थी। जांच में कुछ और ऐसे खुलासे हुए हैं जिससे दोनों हत्यारों की गिरेबां जल्द ही पुलिस के हाथ में होगी।
अहमदाबाद की एक अदालत ने हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की ट्रांजिट रिमांड रविवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को दे दी। एक अधिकारी ने बताया कि अदालत ने रविवार शाम को आरोपियों मोहसिन शेख, फैजान और राशिद अहमद को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड में उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया।
आरोपियों को गुजरात एटीएस ने सूरत से गिरफ्तार किया था। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह तीनों आरोपियों के साथ एक पुलिस टीम लखनऊ के लिए रवाना होगी। तीनों लोगों को गुजरात एटीएस ने एक दुकान से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया था, जहां से उसने मिठाई खरीदी थी। तिवारी (45) की शुक्रवार को उनके लखनऊ स्थित निवास पर हत्या कर दी गई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि हत्या के सिलसिले में कुल पांच लोगों को पकड़ा गया है।
कमलेश के परिजनों ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात, मां ने जताया असंतोष
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में लखनऊ में मारे गये हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के परिजन से रविवार को मुलाकात की। तिवारी की मां ने इस मुलाकात पर असंतोष जताया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर तिवारी की मां कुसुमा, पत्नी किरण और परिवार के कुछ अन्य सदस्यों से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने पीडि़त परिवार को पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार इस गम्भीर मामले की गहराई से जांच कर रही है और इसके दोषी लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, तिवारी की मां कुसुमा ने इस मुलाकात पर असंतोष जताते हुए कहा कि पुलिस के दबाव की वजह से उन्हें मजबूरन मुख्यमंत्री से मिलने जाना पड़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के हावभाव उनकी उम्मीद के मुताबिक नहीं थे। संवाददाताओं के इस सवाल पर कि क्या वह मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात से संतुष्ट हैं, कुसुमा ने कहा ''संतुष्ट क्या होंगे? हमने (मुख्यमंत्री से) पूछा कि क्यों (कमलेश की) सुरक्षा हटायी गयी, क्यों उसका बेरहमी से कत्ल हुआ। हिन्दू धर्म में (घर में किसी की मृत्यु हो जाने पर) 13 दिन कहीं बाहर नहीं निकला जाता है, मगर उनका (मुख्यमंत्री) का आदेश था, इसलिये पुलिसवाले मेरे पीछे पड़े थे, तो हमें मजबूरी में मिलने जाना पड़ा।''
उन्होंने कहा ''हमारी इच्छा के मुताबिक न तो उनका (मुख्यमंत्री) हाव था न भाव। अगर संतुष्ट होते तो हमारा क्रोध क्यों उबलता? हम स्वयं तलवार उठाएंगे, अगर हमें इंसाफ नहीं मिला।''
कुसुमा ने भाजपा के एक स्थानीय नेता शिव कुमार गुप्ता पर जमीन के विवाद को लेकर अपने बेटे की हत्या का इल्जाम लगाया है, मगर अभी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद तिवारी की पत्नी किरण ने बताया कि योगी ने हरसम्भव कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हम उनसे हुई मुलाकात से संतुष्ट हैं।
हिंडोला क्षेत्र के ही एक होटल में ठहरे थे संदिग्ध हत्यारोपी
इस बीच, हत्याकांड की तफ्तीश में पता चला है कि संदिग्ध हत्यारोपी नाका हिंडोला क्षेत्र के ही एक होटल में ठहरे थे। पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि होटल के कर्मियों के मुताबिक दोनों ने अपना नाम शेख अशफाकुल हुसैन और मुईनुद्दीन पठान बताया था। हत्याकांड वाले दिन वे दोनों भगवा कुर्ते पहनकर होटल से निकले थे और उनके हाथ में एक मिठाई का डिब्बा था। उन्होंने बताया कि वे लोग 17 अक्टूबर को होटल आये थे और 18 की दोपहर वे चले गये थे। उनके कमरे के बेड पर भगवा रंग का कुर्ता पड़ा था, उस पर खून के निशान हैं। मौके पर मिले तौलिये में भी खून लगा है। एक नये मोबाइल का डिब्बा भी मौके से मिला है। विवेचना के क्रम में यह एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस जल्द ही हत्यारों तक पहुंच जाएगी।
गौरतलब है कि हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को नाका हिंडोला स्थित खुर्शेदबाग इलाके में उनके घर के अंदर गला रेतकर और गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड के सिलसिले में बिजनौर निवासी आरोपियों मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक के साथ गुजरात में सूरत के रहने वाले फैजान यूनुस, मोहसिन शेख और राशिद अहमद को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी है। मामले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया है।