नई दिल्ली: JEE-NEET परीक्षा के आयोजन को लेकर शैक्षणिक समुदाय ने पीएम को इसके आयोजन का समर्थन करने के लिए एक पत्र लिखा है। उन्होनें यह उम्मीद जताई है कि परीक्षा के आयोजन से छात्रों को एक वर्ष नहीं गंवाना पड़ेगा। यह समर्थन शिक्षकों के एक समूह द्वारा किया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि JEE (Mains) और NEET (UG) परीक्षा पहले से तय तारीखों पर ही आयोजित की जाएंगी। आपको बता दें कि JEE (Main) एग्जाम 1 से 6 सितंबर के बीच होना है जबकि NEET (UG) एग्जाम 13 सितंबर को होना है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने दावा किया है कि NEET और JEE परीक्षा को सुरक्षित रूप से आयोजित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई है, सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार बैठने की व्यवस्था की है और परीक्षा केंद्र में प्रवेश और निकास की खास व्यवस्था की है।
आपको बता दें JEE और NEET एग्जाम को टालने के लिए सोशल मीडिया पर जमकर आंदोलन चल रहा है। छात्रों की इस मांग के समर्थन में भारत की कई राजनीतिक पार्टियां खुलकर सामने आईं हैं।
ग्रेटा थनबर्ग ने भी किया NEET/JEE परीक्षाएं टालने की मांग का समर्थन
स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कोरोना वायरस के चलते उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर भारत में नीट और जेईई परीक्षाएं टालने का मंगलवार को समर्थन किया और कहा कि यह ‘‘बहुत अनुचित’’ है कि छात्रों को महामारी के समय परीक्षाओं में बैठने के लिए कहा जा रहा है। देश भर में कई छात्रों के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन सहित कई नेताओं ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि जब तक कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रण में नहीं लाया जाता तब तक के लिए परीक्षा स्थगित कर दी जाए।
प्रमुख राष्ट्रीय परीक्षाओं को स्थगित करने के आह्वान का समर्थन करते हुए थनबर्ग ने ट्विट करके कहा कि यह छात्रों के लिए बहुत अनुचित है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत अनुचित है कि भारत के छात्रों को ऐसे में राष्ट्रीय परीक्षा में बैठक के लिए कहा जा रहा है जब कोविड-19 महामारी के साथ ही लाखों लोग बाढ़ से भी प्रभावित हैं। मैं ‘कोविड-19 में जेईई, नीट परीक्षा’’ स्थगित करने के समर्थन में हूं।’’