जींद। हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए इनामी भगौड़े मुजरिम अलीपुरा गांव के सतपाल उर्फ पाला को उचाना पुलिस ने पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार किया है। 14 साल से फरार यह हत्यारा वहां एक मंदिर में पुजारी बन गया था। पुलिस ने आरोपी को नरवाना अदालत में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
सोमवार को उचाना थाना प्रभारी राजकुमार ने बताया कि 26 नवंबर 2002 को सतपाल व उसके अन्य नौ साथियों राजेन्द्र, राजा, अमृत, शिवनारायण, रणधीर, विजय, मनोज, लख्मी, राजेन्द्र ने पुरानी पारिवारिक रंजिश के तहत गांव के ही लक्ष्मण की गोली मारकर हत्या कर दी थी । जिसकी शिकायत राजमल ने पुलिस को दी पुलिस ने मामला दर्ज आगामी कार्रवाही की और मामला अदालत में चला।
अदालत ने 2004 में सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं सतपाल उर्फ पाला को भी उम्रकैद हुई। 5 नवंबर 2004 को पाला छह हफ्ते के लिए पेरोल पर जेल से बाहर आया था। 18 दिसंबर 2004 को मुजरिम पाला को वापस जेल पहुंचना था लेकिन वह नहीं पहुंचा और फरार हो गया। तभी से पाला भगौड़ा बना हुआ था। यहां तक कि भगौड़े पाला पर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया हुआ था। 14 साल तक वह अदालत से भगौड़ा बना रहा।
वहीं पुलिस को गुप्त सूचना मिली की आरोपी पाला पंजाब के जिला मोगा के एक मंदिर में पुजारी का काम कर रहा है। पुलिस ने सूचना मिलते ही टीम को तैयार कर मोगा मंदिर से मुजरिम को काबू कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि मुजरिम पिछले लंबे समय से मोगा के एक मंदिर में पुजारी का काम कर रहा था और लोगों को भक्ति का पाठ पढ़ाने में लगा हुआ रहा था। अब आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। उसे सोमवार को नरवाना अदालत में पेश किया गया जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।