नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आप की इस मांग को "मनमाना, बेतुका और अतार्किक" बताया। आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने रविवार को सिंह को पत्र लिखकर कहा कि पंजाब पुलिस को किसानों को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिये ताकि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके और वे शांतिपूर्ण तरीके से ''काले कानूनों'' के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखें।
चड्ढा ने कहा, ''आम आदमी पार्टी आपसे उन सभी शिविरों के आसपास चारों ओर पर्याप्त संख्या में पंजाब के पुलिसकर्मियों को तैनात करने की मांग करती है, जहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहे हैं।'' उन्होंने कहा, '' भाजपा के गुंडों द्वारा हाल ही में किसानों पर किये गए हमलों के मद्देनजर उन्हें सुरक्षा की सख्त जरूरत है।'' पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी को संविधान और कानून की स्पष्ट रूप से कोई समझ नहीं है और वह उच्चतम न्यायालय द्वारा तय किए गए कानून को नजरअंदाज कर रही है। सिंह ने एक बयान में कहा, "यह मांग न सिर्फ अतार्किक और ओछी है बल्कि कानून के सभी सिद्धांतों और नियमों के खिलाफ भी है।"
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देशों एवं उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के मुताबिक, पंजाब पुलिस किसी दूसरे राज्य में 72 घंटे से अधिक समय तक नहीं रह सकती है। भले ही वे सुरक्षा प्राप्त किसी व्यक्ति के साथ ही क्यों न हों। सिंह ने कहा कि अगर वह किसानों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दे भी देते हैं तो भी पंजाब पुलिस उनके साथ 72 घंटे तक ही रह सकती है, इससे ज्यादा नहीं।
मुख्यमंत्री ने आप के पत्र को "दयनीय" बताते हुए कहा कि इस पत्र से इस बात का पर्दाफाश होता है कि आप पंजाब की सत्ता पर किसी भी तरह से काबिज़ होना चाहती है। सुनील जाखड़ के बयान पर आप की आलोचना पर पलटवार करते हुए सिंह ने कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख "बेतुकी बात" नहीं कर रहे हैं बल्कि आप सुरक्षा प्राप्त और गैर सुरक्षा प्राप्त नागरिक के बीच अंतर नहीं जानती है।
सिंह ने कहा, "शायद आपको दिल्ली के अपने मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए। खराब शासन और अज्ञानता के उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि केजरीवाल को भी जानकारी हो। " पंजाब के मुख्यमंत्री ने आप के पत्र को लाल किले पर भड़की हिंसा में उसकी भूमिका से ध्यान हटाने का एक हथकंडा बताया। उन्होंने आरोप लगाया, " गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर अशांति भड़काते हुए आप के सदस्य कैमरे में कैद हुए हैं।" उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों पर आप और भाजपा के " गठजोड़" का तब " पर्दाफाश" हो गया था जब केजरीवाल ने तीन में से एक कानून को अपने राज्य में अधिसूचित कर दिया था।