नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में कोविड-19 के 80 प्रतिशत मामले 90 जिलों से सामने आए हैं, जिनमें से 14 पूर्वोत्तर राज्यों में हैं और मंत्रालय ने रेखांकित किया कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और हमें अपनी सावधानी कम नहीं करनी चाहिए। पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़ी विशिष्ट चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एक सक्रिय, एहतियाती और क्रमिक दृष्टिकोण का पालन करके इन राज्यों की सहायता की है।
अग्रवाल भारत में वर्तमान कोरोना वायरस स्थिति, वैक्सीन और वैक्सीनेशन के बारे में फैले भ्रम को दूर करने और कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के महत्त्व को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर पूर्वोत्तर राज्यों के मीडिया पेशेवरों और स्वास्थ्य संवाददाताओं के लिए यूनिसेफ के साथ साझेदारी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में बोल रहे थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के मीडिया पेशेवरों और स्वास्थ्य संवाददाताओं ने कार्यशाला में भाग लिया। भारत की कोविड-19 प्रबंधन रणनीति पर प्रकाश डालते हुए, अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में तीन महत्वपूर्ण घटक हैं- कोविड-उपयुक्त व्यवहार का सामूहिक पालन, साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग और वायरस और टीकाकरण के बारे में मिथकों को दूर करना।
उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में उपचाराधीन मामलों और वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति का विवरण भी साझा किया। मिथकों के साथ-साथ वैक्सीनेशन से जुड़ी आशंकाओं और चिंताओं को दूर करके कोविड वैक्सीनेशन के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने में मीडिया को एक महत्त्वपूर्ण हितधारक बताते हुए, उन्होंने कहा कि देश में अब तक 36.48 करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से सामुदायिक योद्धाओं को रोल-मॉडल के रूप में सराहकर इसे एक जन आंदोलन (जन आंदोलन) बनाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि मीडियाकर्मियों का समाज पर बड़ा प्रभाव होता है, इसलिए वे लोगों को वैक्सीन लगवाने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
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