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जम्मू-कश्मीर : उप-चुनाव के दौरान हिंसा, 8 की मौत, कई घायल

श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट पर उपचुनाव के लिए रविवार को हुए मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, और कई अन्य घायल हो गए।

IANS
Published on: April 09, 2017 23:07 IST
Jammu kashmir- India TV Hindi
Image Source : PTI Jammu kashmir

श्रीनगर:  श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट पर उपचुनाव के लिए रविवार को हुए मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, और कई अन्य घायल हो गए। कुछ मतदान केंद्रों पर भीड़ ने हमले की कोशिश की। हिंसा के कारण इस उपचुनाव में मात्र सात प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो तीन दशक में राज्य का सबसे कम मतदान प्रतिशत है। यह लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों श्रीनगर, बडगाम और गांदरबल में फैला हुआ है। पूरे क्षेत्र में व्यापक तौर पर हिंसा की खबर है, और पुलिस ने कहा कि इस दौरान मध्य कश्मीर में हिंसा की लगभग 200 घटनाएं घटीं।

सुबह मतदान शुरू होने के साथ मतदान केंद्रों के बाहर बहुत कम मतदाता दिखे। इस दौरान नारेबाजी करती भीड़ ने बडगाम में मतदान केंद्रों पर हमला किया, ईवीएम क्षतिग्रस्त कर दिए और मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने प्रारंभ में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए चेतावनी स्वरूप हवा में गोलियां चलाई, लेकिन जब इसका असर नहीं हुआ तो सीधे भीड़ पर गोलीबारी की गई, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बडगाम जिले में तीन जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान सात लोगों की मौत हो गई, जबकि गांदरबल में एक व्यक्ति झड़प के दौरान मारा गया। पुलिस अधिकारी ने कहा, "सुरक्षा बलों ने मतदान कर्मियों की हिफाजत के लिए गोलीबारी की।" उन्होंने कहा कि भीड़ ने कई मतदान केंद्रों पर हमले की कोशिश की और ईवीएम क्षतिग्रस्त कर दिए। सात प्रतिशत मतदान राज्य में पिछले 27 वर्षो का सबसे कम मतदान है। इसी संसदीय क्षेत्र में 2014 के आम चुनाव में 26 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी शांतमनु ने मीडियाकर्मियों से कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन था। 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। मतदान 7.09 प्रतिशत हुआ।" पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनके 20 वर्षो के राजनीतिक जीवन में उन्होंने ऐसी चुनावी हिंसा नहीं देखी। उन्होंने ट्वीट किया, "20 वर्षो मे छह चुनाव लड़ा, लेकिन कश्मीर में इस स्तर की चुनावी हिंसा नहीं देखी।"

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उमर ने हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाया कि वह मतदान के अनुकूल वातावरण नहीं मुहैया करा पाईं। उमर ने कहा, "महबूबा मुफ्ती इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। यह कुप्रबंधन है।" अलगाववादियों के चुनाव के बहिष्कार के आह्वान के बाद शनिवार देर शाम घाटी में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। 

इस सीट पर मुख्य मुकाबला विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नाजिर अहमद खान के बीच था। जबकि यहां कुल नौ उम्मीदवार मैदान में थे। पिछले वर्ष विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता पर किए गए कथित जुर्म के विरोध में पीडीपी नेता तारिक हमीद कर्रा ने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण यह सीट रिक्त हो गई थी।

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