नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिवाली से पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के 9 हजार टीचर्स के अटके वेतन को लेकर निर्देश दिए हैं। एनडीएमसी के स्कूलों के शिक्षकों के वेतन मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दीवाली नजदीक है और कर्मचारियों को दीवाली की खुशी से वंचित न करें। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने कहा कि वैसे ही काफी संख्या में लोग कोरोना महामारी के कारण अवसाद में हैं। सुनवाई के दौरान एनडीएमसी ने पीठ को बताया कि उन्होंने शिक्षकों के जून माह के वेतन का भुगतान किया है।
बीते मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान एनडीएमसी के वकील द्वार कोर्ट को सूचित किया गया कि 8 सितंबर को, निगम ने अपने शिक्षकों को जून का वेतन जारी किया है। कोर्ट को दिल्ली सरकार के वकील ने यह भी बताया कि उसने 3 सितंबर को एनडीएमसी को 98.35 करोड़ रुपये जारी किए हैं और यह राशि सितंबर और अक्टूबर के लिए शिक्षकों के वेतन को कवर करेगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि मत भूलो कि दिवाली का त्योहार आने वाला है। हम एनडीएमसी द्वारा उत्सव के इस पर्व में किसी भी कर्मचारी को खुशी से वंचित नहीं होने देंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण कई लोग पहले से ही हतोत्साहित हैं और अवसाद में हैं। इस दौरान पीठ ने सिविक एजेंसी को लंबित महीनों के लिए शिक्षकों के वेतन का वितरण करने को भी कहा।
एनडीएमसी के अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि वे इस पर निर्देश लेकर जानकारी देंगे कि अभी नगर निगम को दिल्ली सरकार से उक्त धनराशि मिली है या नहीं। पीठ ने इस पर एनडीएमसी को पांच नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देेते हुए सुनवाई पांच नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं करने के मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने जनहित याचिका शुरू की थी। इससे पहले पीठ ने शिक्षकों का वेतन नहीं देने के मामले में टिप्पणी की थी कि शिक्षकों को कोरोना महामारी की ड्यूटी पर तैनात किया गया है और वे कोरोना योद्धा के समान हैं। इसके बावजूद उनका वेतन नहीं दिया जाना अफसोस वाली बात है। याचिका के अनुसार एनडीएमसी के अधीन 700 स्कूल में 7 हजार शिक्षक हैं। 7 हजार शिक्षकों में से 5406 शिक्षकों को एनडीएमसी के 299 स्कूलों में कोरोना ड्यूटी में लगाया गया है। बता दें कि कोरोना काल में कुछ ऐसे फैसले राज्य स्तर पर लिए गए हैं जिनका असर फिलहाल कर्मचारियों की जेब पर पड़ रहा है। दिल्ली ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जा रही है या फिर उनका वेतन अटका हुआ है।
वेतन नहीं देने पर डीयू के चार कॉलेजों को नोटिस
मई माह से वेतन नहीं मिलने के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न कॉलेजों के आठ शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज, भगीनी निवेदिता कॉलेज, अदिति महाविद्यालय महिला कॉलेज और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को नोटिस जारी कर स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने साथ ही दिल्ली सरकार व डीयू को मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी।
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