नई दिल्ली। शुक्रवार रात 9 बजकर 10 मिनट पर एक बार फिर भूकंप के झटकों से दिल्ली और एनसीआर की धरती हिल उठी। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 मापी गई। भूकंप के तेज झटके से लोगों में दहशत फैल गई और लोग तेजी से घरों से बाहर निकल पड़े। हालांकि भूकंप से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन पिछले डेढ़ महीने में भूकंप के पांचवें झटकों से लोगों में डर का माहौल है। इससे पहले जो भूकंप आया था उसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.2 मापी गई थी।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार रिक्टर स्केल पर 5 से कम तीव्रता वाले भूकंप में केवल कमजोर स्ट्रक्चर को ही नुकसान पहुंच सकता है। गुणवत्ता पूर्ण और मजबूत स्ट्रक्चर पर इसका कोई खास असर नहीं होता है। पिछले डेढ़ महीने में सात भूकंप से लोगों के अंदर किसी बड़े भूकंप की संभावना भी जगने लगी है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे भूकंप से समय-समय पर ऊर्जा रिलीज होती रहती है, जिससे बड़े भूकंप की संभावना कम हो जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती लेकिन पिछले कुछ दिनों में जिस तरह के झटके महसूस हो रहे हैं वो असामान्य हैं।
एनसीएस वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मई 2015 और मार्च 2019 के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और इसके आस-पास के क्षेत्रों में 65 से अधिक भूकंप दर्ज किए गए हैं, जबकि दिसंबर 2017 से फरवरी 2019 के बीच 1.9 से लेकर 3.8 की तीव्रता के 13 भूकंप दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में दर्ज किए गए थे। नोएडा में 6 और गुड़गांव में 10 भूकंप दर्ज किए गए।
मई 2015 से लेकर मार्च 2019 के बीच हरियाणा के रोहतक के पास 31 भूकंप दर्ज किए गए, जहां दिल्ली की तुलना में उच्च तीव्रता दर्ज की गई। सितंबर 2016 और जून 2017 में यहां भूकंप की तीव्रता 4.6 दर्ज की गई।