पटना: बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 46 लाख 83 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से बुधवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों - शिवहर, सीतामढी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार - में अब तक 67 लोगों की मौत हुई है जबकि 46 लाख 83 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है।
बिहार में बाढ़ से हुई 67 मौतों में सीतामढी में 17, अररिया में 12, मधुबनी में 11, शिवहर में 9, पूर्णिया में 7, दरभंगा में 5, किशनगंज में 4 और सुपौल में 2 लोगों की मौत हुई है। बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में कुल 137 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां 1,14,721 लोग शरण लिए हुए हैं। उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 1,116 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है।
राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें लगाई गई हैं और 125 मोटरबोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच, बिहार विधान परिषद परिसर में बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में बाढ़ को "राष्ट्रीय आपदा" घोषित करने का आग्रह किया।
भाकपा (माले) ने प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार पर युद्ध स्तर पर राहत और पुनर्वास करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके परिणामस्वरूप प्रभावित क्षेत्रों में या तो लोग मर रहे हैं अथवा असुरक्षित जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। भाकपा (माले) ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उसकी पार्टी के विधायक महबूब आलम, सत्यदेव राम और सुदामा प्रसाद बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं तथा पार्टी ने अपने कैडरों से प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने वाले स्थानों पर 18 से 24 जुलाई तक बाढ़ राहत अभियान जाने की अपील की है।
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार की कई नदियां गंडक, बूढी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी विभिन्न स्थानों पर आज सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। भारत मौसम विभाग के अनुसार बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में गुरूवार की सुबह तक हल्की बारिश की संभावना जतायी गयी है।