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'लापतागंज': शिरडी शहर से कहां गायब हो गए 67 भक्त? बॉम्बे हाइकोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार

साईं के शहर शिरडी से भक्तों के गायब होने की खबर सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। पिछले चार साल में शिरडी से 67 भक्त लापता हो चुके हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : November 26, 2020 22:51 IST
67 devotees disappeared from Shirdi Maharashtra
Image Source : INDIA TV 67 devotees disappeared from Shirdi Maharashtra

नई दिल्ली। साईं के शहर शिरडी से भक्तों के गायब होने की खबर सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। पिछले चार साल में शिरडी से 67 भक्त लापता हो चुके हैं। ये लोग कहां हैं, किस हाल में हैं, ये बात ना तो परिवार को पता है और ना ही महाराष्ट्र पुलिस को। शिरडी पुलिस की लापरवाही को देखकर कोर्ट को यहां तक कहना पड़ा कि SP साहब लोगों का पता लगाइए। साईं के दर पर तो आये, दर्शन भी किये लेकिन फिर कहां लापता हो गए आजतक कुछ पता नहीं चला।

मिलिंद पड़गलमल डेढ़ साल से गायब है वहीं दीप्ती सोनी 3 साल से गायब है। रंजना ज्ञानेश्वर 2 साल से लापता हैं, पूजा गायकबाड़ डेढ़ साल से लापता हैं। परवीन गोवर्धन- 1 साल से लापता, लक्ष्मीनारायण- डेढ़ साल से लापता है। देखते ही देखते शिरडी कैसे 67 लोगों का 'लापतागंज' बन गया किसी को कुछ पता नहीं है। अपनों को खो चुके लोग लापता परिवारिजनों की तस्वीर हाथ में लिए इधर-उधर खोजते रहते हैं। 

जिनके दरबार में बिगड़ी हुई तकदीर बनती है, जिसकी रहमत पाने के लिए करोड़ों श्रद्धालु साईं के दर पर दस्तक देते हैं। लेकिन उस शिरडी वाले साईं बाबा के शहर से कोई भक्त रहस्यमयी तरीके से कैसे लापता हो सकता है। ये मिस्ट्री सिर्फ आज और कल की नहीं है, चार सालों से भगवान के शहर से भक्तों के गायब होने का सिलसिला जारी है। जिन्होंने अपना खोया है उसका पुलिस-प्रशासन पर से भरोसा उठ गया है कि उनके अपनों की तलाश वो करेंगे। सहारा है तो बस साईं का जो बिछड़ों को अपनों से मिलाते हैं।

आरटीआइ में हुआ खुलासा

इसी उम्मीद में इंदौर के रहने वाले कैलाश सोनी पिछले तीन साल से अपनी पत्नी दीप्ति की तलाश कर रहे हैं। तारीख थी 10 अगस्त 2017, जब साईं मंदिर के बाहर से दीप्ती अचानक गायब हो गईं और आज तक नहीं मिलीं। परिवार ने सब जगह ढूंढा, पुलिस के चक्कर भी कांटे लेकिन कुछ भी पता नहीं चला। बच्चों को भी पिछले 3 साल से अपनी मां के वापस आने की उम्मीद है। फोन की हर घंटी पर लगता है कि मां की कोई ख़बर आई है लेकिन हर नाउम्मीदी ही हाथ लगती है।

पुलिस के यहां कोई सुनवाई ना होने के बाद मनोज ने अपनी पत्नी को तलाशने का बीड़ा उठाया। इस दौरान जब मनोज ने स्थानीय लोगों से बात की, तो पता चला शिर्डी में आए दिन लोग गायब हो रहे हैं, जिनका पता ही नहीं चलता कि लापता कहां गए। इस जानकारी के बाद बाद मनोज ने शिर्डी थाने पर आरटीआइ लगाई, जिसमे वर्ष 2017 से अक्टूबर तक 65 लोग लापता होने की जानकारी मिली। मनोज को भी इस बात का शक है कि कहीं दीप्ती के साथ भी किसी तरह की मानव तस्करी जैसी घटना का शिकार ना हो गई है लेकिन शिरडी पुलिस इस थ्यौरी को पूरी तरह नकार रही हैं। 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मानव तस्करी या अंग रैकेट के जांच के दिए आदेश 

पुलिस के रवैये की वजह से गायब हुए लोगों के परिवारवालों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अर्जी लगाई जिसके सुनवाई करते हुए कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को मानव तस्करी या अंग रैकेट के जांच के आदेश दिये। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि मानव तस्करी या ऑर्गेन रैकेट की आशंकाओं की वजह से ये अदालत अहमदनगर के एसपी से उम्मीद करती है कि जांच के लिए एक स्पेशल यूनिट गठित करेंगे और उम्मीद की जाती है कि ट्रैफिकिंग या मानव अंगों के प्रत्यारोपण में शामिल लोगों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। लापता भक्तों को अबतक ढूंढ पाने में नाकाम रहने वाली महाराष्ट्र पुलिस के काम करने के तरीके पर भी कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। मामले की गंभीरता इस बात से भी पता चलती है कि हाईकोर्ट ने खुद राज्य के डीजीपी को इस जांच को मॉनिटर करने के लिए कहा है। 

लापता लोगों को लेकर पुलिस परिजनों को करती है सिर्फ फोन कॉल... 

मुंबई,इंदौर,जौनपुर,बैंगलुरू, देहरादून शहरों के नाम गिनते जाइए साईं के दरबार से गायब होने की फेहरिस्त लंबी होती जाएगी। मुंबई के रहने वाले मिलिंद के परिवार वाले मिलिंद की तलाश में दर-दर भटक रहें हैं। साल 2019 के मई महीने में मिलिंद का पूरा परिवार साईं बाबा के दर्शन करने शिरडी गए था लेकिन मंदिर के बाहर से मिलिंद अचानक गायब हो गये। बहुत कोशिशों के बाद भी मिलिंद का कोई पता नहीं चला। पूरा परिवार मिलिंद के आने के इंतज़ार कर रहा है लेकिन किसी नहीं पता कि मिलिंद कहां है और कब तक आयेंगे। पुलिस मिलिंद को ढूंढने के बजाये परिवार वालों को फोन करके से ये सवाल पूछती है कि क्या मिंलिंद लौट आया। ऐसा सिर्फ़ मिलिंद के साथ नहीं पुलिस ज़्यादातर लोगों के साथ इस तरह की फोन कॉल करती है। पुलिस के मुताबिक इसकी पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि ज़्यादातर लोग अपने परिवार में किसी न किसी तरह के गृहक्लेश से परेशान होकर साईं बाबा के दर्शन करने आते हैं और यहां से शांति और सुकून की तलाश में परिवार वाले से संपर्क तोड़ लेते हैं। 

पुलिस से मिले गुमशुदा लोगों के आंकड़ो के मुताबिक, साल 2017 में 71 लोग लापता हुए, इनमें से 35 महिलायें थी और जांच के बाद 51 लोगों को ढूंढ निकाला गया लेकिन 20 लोग अब भी लापता हैं। साल 2018 में  82 लोग लापता हुए,इनमें से 37 महिलायें थी और जांच के बाद 69 लोगों को ढूंढ निकाला गया लेकिन 13 लोग अब भी लापता हैं। साल 2019 में  88 लोग लापता हुए, इनमें से 44 महिलायें थी और जांच के बाद 74 लोगों को ढूंढ निकाला गया लेकिन 14 लोग अब भी लापता हैं। साल 2020 में 38 लोग लापता हुए, इनमें से 21 महिलायें थी और जांच के बाद लोगों को ढूंढ निकाला गया लेकिन 20 लोग अब भी लापता हैं। पुलिस के अपने आंकड़े कह रहे हैं कि पिछले 4 साल में 67 लोग अब तक नहीं मिल पाये हैं। इनके साथ क्या हुआ, ये कहां है, किस हाल में हैं, ये अब तक पता नहीं चल पाया है लेकिन साईं की नगरी से इस तरह लोगों के गायब होने की घटना ने हर किसी को परेशान कर दिया है । 

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