![63 per cent of Indians want to see Narendra Modi as their PM again in 2019, says online poll](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नयी दिल्ली: ऑनलाइन सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले देश और विदेश के 63 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अपना ‘‘भरोसा’’ प्रकट किया जबकि 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल से उनको बेहतर भविष्य मिलेगा। न्यूज पोर्टल ‘डेलीहंट’ और डेटा विश्लेषण करने वाली कंपनी ‘नील्सन इंडिया’ ने एक बयान में दावा किया है कि उनका सर्वेक्षण देश और विदेश के 54 लाख लोगों के विचारों पर आधारित है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘‘63 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी में 2014 (में जब सत्ता में आए थे) की तुलना में ज्यादा या उसी स्तर का भरोसा जाहिर किया है और पिछले चार वर्षों में उनके नेतृत्व क्षमता पर संतोष प्रकट किया है।’’ उधर, कांग्रेस ने सर्वेक्षण के नतीजे को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘फर्जी’’ बताया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हताश मोदी सरकार लोगों का भरोसा गंवा चुकी है और पांच चुनावी राज्यों में जबरदस्त हार का सामना कर रही है। अब वह अनुचित साधनों से जुटाए गए वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल फर्जी सर्वेक्षणों के जरिए वैधता हासिल करना चाहती है।
इस तरह के बेकार सर्वेक्षण से सरकार को कभी भी समर्थन नहीं मिलता, जिसे पहले ही सरकार द्वारा खारिज किया जा चुका है।’’ सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि 50 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि मोदी के दूसरे कार्यकाल से उनको बेहतर भविष्य मिलेगा। पांच चुनावी राज्यों के मामले में सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लोगों का ‘‘अभी मोदी में भरोसा बना हुआ है।’’ मिजोरम के रूझान के बारे में कुछ बताए बिना सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘तेलंगाना एकमात्र ऐसा राज्य है जो इस रूझान के खिलाफ है।’’
सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि लंबे समय से जड़ जमाए भ्रष्टाचार को खत्म करने के मुद्दे पर 60 प्रतिशत लोगों ने मोदी में अपना भरोसा जताया है। सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘‘62 प्रतिशत लोग आश्वस्त हैं कि किसी राष्ट्रीय संकट के समय देश का नेतृत्व करने में नरेंद्र मोदी सबसे उपयुक्त हैं। इसके बाद राहुल गांधी (17 प्रतिशत), अरविंद केजरीवाल (आठ प्रतिशत), अखिलेश यादव (तीन प्रतिशत) और मायावती (दो प्रतिशत) का नाम है।’’ ‘डेली हंट’ और ‘नील्सन इंडिया’ ने बयान में स्पष्ट किया है कि सर्वेक्षण राजनीति से प्रेरित नहीं है और यह देश के लोगों की आवाज को बयां करने कि लिए किया गया है।
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