Monday, December 23, 2024
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कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार देश के 602 अस्पताल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिये पूरे देश में 602 अस्पताल चिन्हित किये हैं।

Written by: Bhasha
Updated : April 14, 2020 22:11 IST
कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार देश के 602 अस्पताल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी
Image Source : PTI कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार देश के 602 अस्पताल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिये पूरे देश में 602 अस्पताल चिन्हित किये हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुये बताया कि सभी जरूरी सुविधाओं से लैस इन अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों को पृथक रखने के लिये 1,06,719 बिस्तर और गंभीर मरीजों को सघन चिकित्सा केन्द्र (आईसीयू) में रखने के लिये 12,024 आईसीयू बिस्तरों का इंतजाम है। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल मामले 10,363 हो गये हैं, जबकि अब तक इससे 339 लोगों की मौत हो चुकी है।

अग्रवाल ने वैश्विक स्तर पर इस महामारी के प्रकोप को देखते हुये, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के हवाले से भारत में स्थिति को संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पूरे विश्व में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 76,498 मामले सामने आये और 5,702 संक्रमित मरीजों की मौत हुयी जबकि भारत जैसे अधिक एवं घनी आबादी वाले देश में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 1,211 नये मामले सामने आये हैं और 31 मरीजों की मौत हुयी है।

अग्रवाल ने बताया कि संक्रमित मरीजों में से अब तक 1,036 को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक देश में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 179 है। इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए अभी तक 2,31,902 नमूनों की जांच की गयी है। इनमें सोमवार से अब तक 21,635 नमूनों की जांच भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इनमें से 18,644 नमूनों का परीक्षण सरकारी प्रयोगशालाओं में हुआ और 2991 परीक्षण निजी प्रयोगशालाओं में किये गये।

गंगाखेड़कर ने बताया कि आईसीएमआर की प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 166 हो गयी है और 70 निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19 के परीक्षण की अनुमति दी जा चुकी है। परीक्षण किट की उपलब्धता के सवाल पर गंगाखेड़कर ने बताया कि सरकार ने दो अलग श्रेणियों के क्रमश: 33 लाख और 37 लाख किट की आपूर्ति के आदेश दे दिये हैं। उन्होंने कहा कि इनकी आपूर्ति शीघ्र हो जायेगी। अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन मई तक लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की घोषणा के मद्देनजर लॉकडाउन के मानकों के पालन को सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक शहर के प्रयासों का 20 अप्रैल तक मूल्यांकन किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि इसके आधार पर बेहतर काम करने वाले शहरों को 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से आंशिक छूट दी जायेगी। अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि सशर्त छूट मिलने के बाद अगर उस शहर में शर्तों के पालन में कोई लापरवाही पायी गयी तो छूट वापस भी ली जा सकेगी। अग्रवाल ने कहा कि शहरों के मूल्यांकन की क्या पद्धति होगी, इसे मंत्रालय द्वारा जल्द सार्वजनिक किया जायेगा। उन्होंने 21 दिन के बाद लॉकडाउन की अवधि को 40 दिन तक बढ़ाये जाने के औचित्य के सवाल पर कहा कि किसी क्षेत्र में वायरस के संक्रमण की श्रंखला को तोड़ने के लिये कम से कम 28 दिन तक संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आना चाहिए। इतना होने पर ही यह कहा जा सकता है कि उस क्षेत्र में संक्रमण की श्रंखला टूट गयी है।

संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को भोजन उपलब्ध हो, इसके लिये 80 करोड़ जरूरतमंद लोगों को अगले तीन माह तक मुफ्त खाद्यान्न की सुविधा दी जायेगी । इसके तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों के परिवारों को उनकी पसंद के मुताबिक पांच किग्रा खाद्यान्न (गेंहू या चावल) मुफ्त में दिया जायेगा। इस दौरान वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश मल्होत्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 13 अप्रैल तक गरीब कल्याण योजनाओं के तहत 32 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खाते में सहायता राशि के रूप में कुल 29,352 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा 5.29 करोड़ लाभार्थियों को राशन और खाद्यान्न भी दिया जा रहा है।

मल्होत्रा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत राज्यों को 3985 मीट्रिक टन दालें भेजी जा चुकी हैं और उज्जवला योजना के तहत 97.8 लाख गैस सिलेंडर भी दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किश्त के रूप में 7.47 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 14,946 करोड़ रुपये और 19.86 करोड़ महिलाओं के जनधन बैंक खातों में 9,930 करोड़ रुपये भेज दिये गये हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं के समाधान के लिये मंत्रालय द्वारा शुरु की गयी हेल्पलाइन पर प्रवासी मजदूरों सहित अन्य जरूरतमंद 5000 लोगों की शिकायतों का निवारण किया गया है। श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय ने लॉकडाउन से प्रभावित हुये प्रवासी मजदूरों और स्थानीय कामगारों की मदद के लिये राज्यों के श्रम आयुक्तों की निगरानी में भी 20 हेल्पलाइन शुरु की हैं।

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