मुंबई: देश भर के करीब 54,000 पेट्रोल पंप अपनी लंबित मांगों के समर्थन में 13 अक्टूबर को दिनभर की हड़ताल पर रहेंगे। पेट्रोल पंप ऑपरेटर संघ के एक अधिकारी ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी। सभी पेट्रोल पंप डीलरों के तीन राष्ट्रव्यापी संगठनों के अम्ब्रेला संगठन, फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर एसोसिएशन (एफएएमपीईडीए) के अध्यक्ष उदय लोध ने कहा कि संयुक्त पेट्रोलियम मोर्चा की पहली संयुक्त बैठक में यह मुद्दा उठाया गया, जिसमें यह फैसला लिया गया है।
लोध ने कहा, "सभी पेट्रोलियम पदार्थों को अनिवार्य रूप से वस्तु एवं सेवा कर शासन के तहत लाया जाना चाहिए, ताकि हमारी लंबे समय से लंबित 'एक देश एक कर' की मांग पूरी हो, जिससे ग्राहकों को फायदा होगा।" उन्होंने जुलाई से लागू दैनिक मूल्य संशोधन ढांचे की समीक्षा की मांग की और कहा कि यह न तो ग्राहकों और न ही डीलरों के लिए फायदेमंद है। लोध के मुताबिक, प्रस्तावित पेट्रोलियम पदार्थों की 'होम डिलिवरी' सुविधा से कई सुरक्षा चिंताएं जुड़ी हैं, जिसके कारण कई गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसलिए इस पर पुनर्विचार की जरूरत है।
पेट्रोल पंपों की अन्य प्रमुख मांगों में साल 2016 के चार नवंबर को तेल विपणन कंपनियों के साथ हस्ताक्षरित लंबित समझौते के कार्यान्वयन में विपणन अनुशासन दिशानिर्देशों के तहत लगाए गए अनुचित दंड को खत्म करना और अनुमोदन के बाद भी लंबित डीलर मार्जिन शामिल है। लोध ने कहा, "अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो पहले कदम के तौर पर देश भर के 54,000 पेट्रोल पंप 13 अक्टूबर को खरीद-बिक्री बंद रखेंगे। अगर हमारी मांगें फिर भी नहीं मानी जाती हैं तो हम 27 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे।"