नई दिल्ली: पांच साल की एक याचिकाकर्ता ने मंगलवार को दिल्ली मेट्रो के परिचालन से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता समृद्धि गोस्वामी ने उत्तरी दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए हरित न्यायालय का रुख किया और न्यायालय को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को प्रस्तावित सीमा पर पर्यावरण नियमों को मानने के लिए कड़ाई से निर्देश देने की मांग की।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से दिल्ली मेट्रो के परिचालन और निर्माण कार्य समेत अन्य गतिविधियों से ध्वनि प्रदूषण न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। समृद्धि ने इससे पहले मेट्रो परिचालन से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की शिकायत दर्ज कराने के लिए कई प्रयास किए थे, जो सफल नहीं हुए।
उसने अपनी याचिका में रोहिणी सेक्टर-18 व 19 मेट्रो स्टेशन को को कहीं और उचित जगह पर ले जाने की मांग की, क्योंकि यहां ध्वनि प्रदूषण का स्तर 85 डेसिबल से ज्यादा पाया गया। बच्ची ने अपनी याचिका में वकील सालिक शफीक व राहुल खुराना के माध्यम से मेट्रो स्टेशन के पास साउंड बैरियर स्थापित करने की भी मांग की। उसने निर्माण कार्य और अभ्यास सत्र के दौरान होने वाली परेशानी के लिए मुआवजा भी मांगा।