आठ नवंबर की रात नोटबंदी की घोषणा के बाद से पूरे देश में अफ़रातफ़री का माहौल हो गया है। 500 और 1000 के पुराने नोट बदलवाने के लिए आज भी बैंकों के बाहर लंबी-लंबी क़तारें देखी जा सकती हैं। सरकार ने नोटबंदी के दो कारण बताएं हैं, एक- काले धन को बाहर निकालना। दो-फ़र्ज़ी नोट को ख़त्म करना ताकि आतंकी संगठनों की फ़ंडिंग बंद हो और देश में फ़र्ज़ी नोट का चलन बंद हो सके।
भारतीय समाज में अधिकतर लेनदेन नगदी में ही होता है। ग़रीब तबके के पास तो क्रेडिट या डेबिट कार्ड होते नहीं इसलिये वह हर काम नगदी में करता है। कमोबेश कुछ ऐसी ही स्थिति मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की है।
देश में कर चोरी आम बात है ख़ासकर छोटे कारोबारियों में। डॉक्टर्स और वकील भी कर से बचने के लिए कैश लेना ही पसंद करते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि 2012-2013 में 50 करौड़ रुपये से ज़्यादा कमाई करने वालों में सिर्फ़ छह लोगों ने ही कर अदा किया जबकि 2100 ऐसे रईस भारतीय हैं जिनकी हैसियत 350 करौड़ रुपये के लगभग है।
बहरहाल, इस अफ़रातफ़री के बीच जहां नोट बदलवा रहे हैं और घर में रखा ईमानदारी का पैसा बैंकों में जमा करवा रहे हैं, वहीं लोगों ने अपने काले धन को सफ़ेद करने के भी तरीक़े ढूंढ़ लिये हैं।
1. कैश कुली यानी भाड़े के लाइनबाज़
नोट बदलवाने की आख़िरी तारीख़ 30 दिसंबर है। ज़ाहिर है इस वजह से बैंकों में लंबी लंबी लाईनें लगी हुई हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए कारख़ानों के मालिक और व्यापारी अपने स्टाफ़ को लाईन में खड़ा करवा रहे हैं। ख़बरें तो ये भी हैं कि कई लोग इस काम के लिए मज़दूरों की भी सेवा ले रहे हैं।
इस धांधली की ख़बर मिलते ही सरकार ने कैश जमा करने की सीमा 4000 रुपये से घटाकर 2000 कर दी। सरकार ने बैकों से पैसा जमा करवाने वाले लोगों की अंगुली में मतदान की तरह स्याही लगाने को भी कहा है ताकि वे दोबारा लाईन में न लग सकें।
2. मंहगी घड़ियों की रेलमपेल
नोटबंदी की घोषणा के बाद अचानक रोलेक्स और डिओर जैसी मंहगी घड़ियों की बिक्री बढ़ गई है। लोग काले घन से ये घड़ियां ख़रीद रहे हैं ताकि बाद में इसे बेचा जा सके। इस तरह की मंहगी घड़ियां बेचने वाली दुकानों ने नोटबंदी की घोषणा के बाद ही अपने ग्राहकों को ई-मेल भेजकर बता दिया था कि उनकी दुकान उस दिन (8 नवंबर) देर रात तक खुली रहेगी।
इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार उस रात दिल्ली के एक मशहूर फ़ैशन ब्रांड ने तीन घंटे से भी कम समय में एक लाख करौड़ रुपये का कारोबार किया।
3. सोना ही सोना
बताया जाता है कि कई लोग पुराने नोटों से दोगुनी क़ीमत पर सोना ख़रीद रहे हैं। अमूमन ज्वैलरी शॉप्स शाम तक बंद हो जाती हैं लेकिन 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषमा के बाद ये दुकानें फिर खुल गईं और देर रात तक सोना बेचती रही। मीडिया के अनुसार दिल्ली और मुंबई में लोग नोटों के थेले लिए इन दुकानों के सामने क़तार में खड़े दिखाई दिए हैं। इन्होंने 52,000 रुपये में 10 ग्राम सोना ख़रीदा।
4. 'किराये' का खाता
आयकर अधिकारियों का कहना है कि “जन धन” में जमा किए जा रहे कैश पर नज़र रखे हुए हैं। सरकार ने जन धन योजना ग़रीबों और किसानों के लिए शुरु की है लेकिन नोटबंदी की घोषणा के बाद एक दिन में इन खातों में हज़ारों रुपये जमा हो गए। काला धन रखने वाले ये खाते किराये पर लेकर इनमें धन जमा कर रहे हैं ताकि बाद में निकाल सकें।
5. ट्रेवल टिकट
नोटबंदी के बाद रेल्वे ने घोषणा की थी कि 11 नवंबर की रात तक पुराने नोटों से टिकट बुकिंग जारी रहेगी। इसके बाद अचानक रेल्वे टिकटों की बुकिंग में इज़ाफ़ा होने लगा। लोगों ने एडवांस बुकिंग करवा ली ताकि बाद में बुकिंग कैंसिल कर मामूली सी रकम कटवाकर काला धन सफ़ेद किया जा सके।