नई दिल्ली: उत्तराखंड में सोमवार को कोविड-19 से तीन और लोगों की मौत हुई है। वहीं संक्रमण के 43 नए मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि होने से राज्य महामारी से पीड़ितों की संख्या 96,536 हो गई है। इस बीच, 16 जनवरी से जारी टीकाकरण अभियान के तहत 4676 और लोगों को कोविड-19 टीके का पहला इंजेक्शन लगाया गया। अभी तक कुल 79,083 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों में सर्वाधिक 22 देहरादून जिले में सामने आए जबकि हरिद्वार में 16, नैनीताल और उधमसिंह नगर में दो—दो और चंपावत में एक मरीज मिला है।
बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में सोमवार को तीन और कोविड-19 मरीजों की मौत हो गयी। अब तक महामारी से राज्य में 1671 मरीजों की मौत हुई है। प्रदेश में 142 और मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गए। अब तक कुल 92,696 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। फिलहाल 808 लोगों का कोविड-19 का इलाज चल रहा है। वहीं कोविड-19 के 1361 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं ।
इस बीच, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 का टीका होने का मतलब यह नहीं है कि किसी को बेपरवाह हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवारक उपायों का अभी और निकट भविष्य में भी पालन किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हर्षवर्धन ने विभिन्न परिवहन यूनियनों के बीच मास्क और साबुन के वितरण संबंधी कार्यक्रम की अध्यक्षता की। हर्षवर्धन भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस)के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोविड-19 गतिविधियों के तहत मास्क वितरित करने की पहल का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं। यह देशभर में इस तरह के वितरणों की एक श्रृंखला का हिस्सा है।’’ बयान में उनके हवाले से कहा गया है, ‘‘दिल्ली में ही हमने रेलवे स्टेशनों, सब्जी मंडियों और अन्य स्थानों पर संक्रमण की अधिक आशंका पर विचार करते हुए मास्क वितरित किए हैं।’’
हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि टीका आने के बाद कोविड-19 से बचने के लिए एहतियाती उपायों का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान पहले ही शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 का टीका होने का मतलब यह नहीं है कि किसी को बेपरवाह हो जाना चाहिए, बल्कि निवारक उपायों का अभी और निकट भविष्य में भी पालन किया जाना चाहिए। इसे देखते हुए, यह प्रशंसनीय है कि आईआरसीएस ने रोकथाम के दृष्टिकोण से मास्क का वितरण जारी रखा है।’’