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भारत का 42 प्रतिशत हिस्सा असामान्य रूप से सूखाग्रस्त, मॉनसून पर हैं सबकी नजरें

भारत का लगभग 42 फीसदी हिस्सा 'असामान्य रूप से सूखाग्रस्त' है, जो बीते साल की तुलना में 6 फीसदी अधिक है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 03, 2019 10:43 IST
42 percent of India's land area under drought | AP Representational- India TV Hindi
42 percent of India's land area under drought | AP Representational

नई दिल्ली: भारत का लगभग 42 फीसदी हिस्सा 'असामान्य रूप से सूखाग्रस्त' है, जो बीते साल की तुलना में 6 फीसदी अधिक है। सूखा पूर्व चेतावनी प्रणाली (DEWS) ने यह जानकारी दी है। सूखे पर निगरानी रखने वाले DEWS के 28 मई के अपडेट में असामान्य रूप से सूखाग्रस्त इलाके का हिस्सा बढ़कर 42.61 फीसदी हो गया है, जो एक हफ्ते पहले (21 मई) 42.18 फीसदी था। यह वृद्धि 28 अप्रैल के अपडेट से 0.45 फीसदी है। 28 अप्रैल को यह 42.16 फीसदी था। यह स्थिति 27 फरवरी को थोड़ी बेहतर थी, जब 41.30 फीसदी इलाका असामान्य रूप से सूखाग्रस्त था।

सूखा सूचकांक बीते साल के मुकाबले बदतर हो गया है, जब देश का 36.74 फीसदी इलाका असामान्य रूप से 28 मई, 2018 को सूखे की चपेट में था। 'गंभीर रूप से सूखे' की श्रेणी के इलाके में वृद्धि हुई है। यह एक हफ्ते पहले 15.93 फीसदी था, जो 28 मई को 16.18 फीसदी हो गया। सबसे बुरी तरह से प्रभावित इलाकों में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात व राजस्थान शामिल हैं। असामान्य रूप से सूखे वाली श्रेणी में बीते साल के 0.68 फीसदी के मुकाबले इस साल 5.66 फीसदी की वृद्धि हुई है। केंद्रीय जल आयोग की 30 मई की नवीनतम विज्ञप्ति में कहा गया है कि 91 जलाशयों में पानी का भंडारण 31.65 बीसीएम है, जो कि क्षमता का 20 फीसदी है।

हालांकि, विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीते साल की इसी अवधि की तुलना में समग्र भंडारण स्थिति बेहतर है। सभी की नजरें अब मॉनसून पर हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने दूसरे शुरुआती अनुमान में दावा किया है कि यह एक सामान्य मॉनसून होगा। लेकिन उत्तरपश्चिम भारत और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। दीर्घावधि औसत (LPA) में पूरे देश में मॉनसून के दौरान 96 फीसदी औसत बारिश हो सकती है। सामान्य बारिश का औसत 96% से 104% होता है, जिसका यह निचला स्तर है। उत्तरपश्चिम भारत में 94% व पूर्वोत्तर में 91% बारिश होने की संभावना है। मध्य भारत में 100% और प्रायद्वीपीय भारत में 97% बारिश होने की संभावना है।

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