नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 38 मामले दर्ज किए हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच 26 जनवरी को देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में है। पुलिस ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस घटना के दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बताया कि दिल्ली पुलिस को आम जनता से ट्रैक्टर परेड हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुई हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर की जा रही जांच में मोबाइल कॉल के डेटा, ट्रैक्टरों के पंजीकरण संख्या की पड़ताल कर रही है। राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के दल को दिल्ली ट्रैक्टर परेड हिंसा से संबंधित वीडियो की जांच करने के लिए बुलाया गया है।
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में निकाली गई ट्रैक्टर परेड में हिंसा की वजह से दिल्ली में 26 जनवरी के दिन अफरातफरी मच गई थी। अनेक प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए थे तथा वहां ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगा दिया था जहां प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। पुलिस ने शुक्रवार को नौ किसान नेताओं से जांच में शामिल होने को कहा था, लेकिन कोई भी पुलिस के पास नहीं पहुंचा।
आपको बता दें, इससे पहले पुलिस ने गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में कई किसान नेताओं के नाम भी FIR में दर्ज किए हैं। पुलिस के मुताबिक, करीब 14 किसान नेताओं के नाम FIR में दर्ज किए गए हैं। इन किसानों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। आपको बता दें कि अभी पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है।
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में कई जगह पर हुई हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने 14 किसानों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। पुलिस जल्द इन नेताओं के पासपोर्ट को भी जब्त करेगी। इनमें राकेश टिकैत, मेधा पाटेकर, दर्शन पाल सिंह, योगेंद्र यादव के नाम भी शामिल हैं। वहीं दिल्ली पुलिस के घरवाले शहीदी पार्क में धरना दे रहे हैं। वह बीते 26 जनवरी को हुई हिंसा का विरोध जता रहे हैं। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे।