नयी दिल्ली: द्वारका के नजफगढ़ इलाके में एक गौशाला में 36 गायें मृत मिलीं जिसके बाद दिल्ली सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। छावला थाने को दोपहर साढ़े बारह बजे सूचना मिली कि घुम्मनहेड़ा गांव के गौशाला में 36 गायें मर गयी हैं। पुलिस ने गौशाला का दौरा किया और पाया कि वहां की 1400 गायों में से 36 की मौत हो चुकी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गौशाला का संचालन आचार्य सुशील गोदर्शन ट्रस्ट करता है। यह 20 एकड़ से अधिक इलाके में फैला हुआ है। वहां करीब 20 मजदूर काम करते हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रक्रिया के मुताबिक पुलिस विभाग ने विशेष विकास आयुक्त कुलदीप सिंह गांगर को पत्र भेजकर पशु चिकित्सकों की एक टीम का गठन करने के लिए कहा है जो गौशाला की जांच करेगी और गायों की मौत के कारण का पता लगाने के लिए उनका पोस्टमॉर्टम कराएगी। विकास मंत्री गोपाल राय ने घटना का कड़ा संज्ञान लेते हुए मामले की 24 घंटे के अंदर विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
ये गौशाला एक प्राइवेट ट्रस्ट चलाता है। इंडिया टीवी संवाददाता अतुल भाटिया जब गौशाला में पहुंचे तो उन्होंने पाया कि यहां करीब 14 सौ गाय हैं लेकिन यहां गायों की देखभाल का कोई इंतज़ाम नहीं है। इस गौशाला में MCD के कर्मचारी गायों को छोड़ जाते थे और इनकी देखभाल की ज़िम्मेदारी गौशाला संचालक की थी। लेकिन यहां साफ सफाई का कोई नामो निशाना नहीं था। जगह जगह पानी भरा हुआ था गौशाला में मरी हुई गायें पड़ी हुई थीं।
गायों की बुरी हालत की जानकारी गौशाला के आसपास रहने वाले लोगों ने दी थी। अतुल भाटिया ने गोशाला के आसपास मौजूद लोगों से बात की तो उन लोगों का कहना था कि गौशाला चलाने वाले लोग यहां कभी नहीं आते। कुछ मजदूरों को रखा गया है लेकिन न चारा है न बारिश के पानी को निकालने का इंतजाम है। न बीमार गायों को देखने को कोई डॉक्टर आता है। कोई गाय मर जाती है तो वहीं पड़ी रहती है...जिससे दूसरी गायें भी बीमार होती है।
पता चला कि आचार्य सुशील गौ सदन एक प्राइवेट गौशाला है। इसकी संचालक गुरु छाया नाम की महिला है जो दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहती हैं। 1995 से चल रहे इस गौशाला में तकरीबन 20 कर्मचारी रखे गये हैं। लेकिन यहां की हालात इसकी बदहाली की कहानी बयां कर करते हैं। 36 गायों की मौत का मामला कोई पहली बार नहीं है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले भी यहां 15 गायों की मौत हो गयी थी। जिन्हें पास में ही गड्ढा खोदकर दफना दिया गया।